सनातन धर्म पर बन रही अभद्र फ़िल्में, आखिर कब तक सहेगा हिन्दू
ट्विटर पर कुछ दिनों से #ArrestLeenaManimekalai ट्रेंड कर रहा है। दरअसल लीना मणिमेकलाई ने शनिवार को अपनी मूवी काली का पोस्टर शेयर किया। जिसमें हिंदू देवी को धूम्रपान करते और एलजीबीटीक्यू का झंडा थामे दिखाया जा रहा है। पोस्टर को लेकर विवादों में आई डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ अब मुसीबतों में घिरती नजर आ रही है। आक्रोशित लोगों ने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद अब दिल्ली पुलिस ने एक्शन लिया है।
ट्विटर पर कुछ दिनों से #ArrestLeenaManimekalai ट्रेंड कर रहा है। दरअसल लीना मणिमेकलाई ने शनिवार को अपनी मूवी काली का पोस्टर शेयर किया। जिसमें हिंदू देवी को धूम्रपान करते और एलजीबीटीक्यू का झंडा थामे दिखाया जा रहा है। पोस्टर को लेकर विवादों में आई डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ अब मुसीबतों में घिरती नजर आ रही है। आक्रोशित लोगों ने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद अब दिल्ली पुलिस ने एक्शन लिया है।
पोस्टर रिलीज़ होते ही ट्विटर पर #ArrestLeenaManimekalai ट्रेंड कर रहा है। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर लोग आक्रोशित हैं और सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए लिख रहे हैं। हमारे आराध्य देवी देवताओं का ऐसा उपहास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलई को गिरफ्तार किया जाए और इस डॉक्यूमेंट्री को भारत में प्रतिबंधित करें।
इस विषय पर आज बहुत से लोगों के मन में गुस्सा है, लेकिन बड़ी बात ये है कि इस पर भारत में लोगों ने सड़कों को जाम नहीं किया और न ही कहीं पत्थरबाज़ी की, कहीं शाहीन बाग नहीं बनाया गया और न कहीं सर तन से जुदा के नारे नहीं लगाए गए। ये पहली बार नहीं है जब किसी मूवी द्वारा हिन्दू देवी देवता का उपहास बनाया गया हो। ये तो बॉलीवुड में ट्रैंड बन चूका है।
इससे पहले मूवी PK में भगवान शंकर के एक किरदार को एलियन से डरकर शौचालय में भगा दिया गया। वेब सीरीज सीरीज तांडव में अभिनेता जीशान अयूब ने विवेकानंद नेशनल यूनिवर्सिटी (वीएनयू) के एक ऐसे छात्र ‘शिवा शेखर’ की भूमिका निभाई है, जो बिहार से यूपीएसई की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली आया है। जीशान अयूब की एंट्री होती है, छात्रों के बीच चल रहे एक कार्यक्रम से, जिसमें वो एक नाटक के दौरान हाथ में त्रिशूल और डमरू लिए भगवान शिव का रूप धारण किए हुए है।
नाटक के दौरान छात्रों के बीच आजादी-आजादी के नारे लगते हैं और जीशान अयूब के मुंह से आपत्तिजनक शब्द निकलते हैं। एक तरह से इस सीन को जेएनयू से जोड़कर दिखाया गया है। तांडव वेब सीरीज के इसी सीन और जीशान अयूब के भगवान भोलेनाथ के रूप में बोले गए डायलॉग को लेकर ही सबसे ज्यादा विरोध हुआ था।
फिल्म ‘अतरंगी रे’ के कई दृश्यों में हिन्दू देवी-देवताओं और धर्मग्रंथों का अपमान किया गया है। भगवान शिव और हनुमान जी को लेकर अपशब्दों का प्रयोग किया गया है, तो रामायण की भी आपत्तिजनक व्याख्या की गई है। यहाँ तक की फिल्म में हिन्दू लड़की और मुस्लिम लड़के को दिखा कर ‘लव जिहाद’ को भी बढ़ावा दिया गया है।
हालहीं में ब्रह्मास्त्र का ट्रेलर रिलीज हुआ जिसमें अभिनेता रणबीर कपूर जूते पहनकर मंदिर में एंट्री ले रहे हैं और जूता पहनकर मंदिर की घंटियां बजा रहे हैं।
इस तरह जान-बूझकर मंदिर, देवी-देवताओं का अपमान और महत्वपूर्ण बात ये है कि ये सब अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किया जा रहा है। सोचिए विचारों को प्रकट करने की आजादी जिसे अभिव्यक्ति का अधिकार कहा जाता है, वो कैसे सीमाओं को पार कर जाता है और हिंदू देवी-देवताओं के अपमान को सही ठहराने लगता है।
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