कार्तिक मास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसे देवताओं का मास माना जाता है और इस दौरान विशेष व्रत एवं पूजन विधियों का पालन किया जाता है। इस वर्ष, कार्तिक मास का प्रारंभ 2024 में 17 अक्टूबर शाम 4 बजकर 55 मिनट से हो रही है। यह तिथि 18 अक्टूबर शुक्रवार को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर खत्म होगी। उदयातिथि के आधार पर कार्तिक मास का शुभारंभ 18 अक्टूबर से हो रहा है। कार्तिक मास के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 06:24 बजे से दोपहर 01:26 बजे तक है। इस दिन से प्रारंभ होने वाले व्रत और कथा का वैवाहिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है।
इस माह के पहले दिन, विशेष रूप से “कार्तिक अमावस्या” का दिन, व्रत कथा सुनने और पढ़ने का महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। व्रत कथा में एक महत्वपूर्ण प्रसंग है, जिसमें एक राजा और रानी की कहानी है। राजा ने अपनी पत्नी को प्रेमपूर्वक समझाया कि जब भी वे विशेष अवसरों पर व्रत करती हैं, तब उनके जीवन में सुख-समृद्धि की वर्षा होती है। रानी ने राजा की बातों को ध्यान से सुना और व्रत रखने का निर्णय लिया। उन्होंने श्रद्धा पूर्वक कार्तिक मास के व्रत का पालन किया और इसके फलस्वरूप उनका वैवाहिक जीवन सुखद एवं सफल हो गया।
इस व्रत में विशेष रूप से दीप जलाना, स्नान करना और भगवान विष्णु की पूजा करना अनिवार्य है। कथा सुनने के बाद, श्रद्धालु इन विधियों का पालन करते हैं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और दांपत्य जीवन में बंधन मजबूत होते हैं। इस व्रत का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह न केवल दांपत्य जीवन में खुशहाली लाता है, बल्कि परिवार में आपसी संबंधों को भी मजबूत करता है। जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
व्रत कथा के अनुसार, कार्तिक मास में भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर अपने भक्तों की रक्षा की थी। इसी दिन भगवान ने इंद्रदेव के कोप से ब्रजवासियों की रक्षा की थी। इस दिन विशेष रूप से गोवर्धन पूजा की जाती है, जहां भक्त गोवर्धन के प्रतीक के रूप में पकवान बनाकर उनकी पूजा करते हैं।
व्रत कथा में यह भी बताया गया है कि कार्तिक महीने में हर दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सारे संकट दूर होते हैं और उसकी आयु में वृद्धि होती है। इसके साथ ही, इस माह में मां लक्ष्मी की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है, जिससे धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। कार्तिक मास के पहले दिन कई लोग भगवान का भजन गाते हैं और अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए प्रार्थना करते हैं।