मुस्लिम युवती को भाया सनातन धर्म रचाया हिन्दू युवक से विवाह,सीतापुर जनपद के नगर क्षेत्र के अंतर्गत स्थिति काशीराम कॉलोनी के निवासी अमन और मोहसिना का प्रेम प्रसंग पिछले चार पांच वर्षों से चल रहा था।जिसे दोनों ने परिजनों की उपस्थिति में धूमधाम से एक पवित्र रिश्ते में बांध लिया और आज दोनों ने स्वयं को विवाह के सूत्रों में बांध लिया।दोनों ने मंदिर में हिन्दू रीति रिवाजों के साथ विवाह किया और अपने परिजनों का आशीर्वाद लिया। दोनों ने आपसी सहमति से यह विवाह बिना किसी के दबाव के किया।अमन से विवाह कर के मोहसिना अब चांदनी बन गई और उसे सनातन धर्म के रीति रिवाजों और महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना ने सनातन की ओर आकर्षित किया।
मुस्लिम युवतियों का बढ़ता हिंदू युवकों के प्रति प्रेम
देखा जाए तो भारत में कही न कही अनेकों मुस्लिम युवतियां अब हिन्दू लड़कों से विवाह करना अधिक पसंद कर रही है। इसके पीछे शायद हिंदू युवकों का और हिंदू रीति रिवाज में सात जन्मों के बंधन की बात होती है और विवाह में दोनों सात जन्मों के लिए रिश्ता निभाने के लिए फेरे लेते है।इन सभी रीति रिवाजों और सनातन में युवतियों को मिलने वाले सम्मान के प्रति मुस्लिम युवतियों का झुकाव और लगाव सनातन की ओर बढ़ रहा है।
सनातन धर्म में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना।
भारतीय संस्कृति और सनातन संस्कृति दोनों की एक दूसरे का विभिन्न नाम हो सकता है किंतु ये दोनों कही भी अलग नहीं है उसी प्रकार से सनातन धर्म में और भारतीय संस्कृति में कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः" ऐसा सम्मान सनातन के अतिरिक्त और कहां महिलाओं को मिलेगा यह भी कारण मुस्लिम युवतियों के सनातन के प्रति बढ़ते प्रेम के पीछे है।
तीन तलाक और हलाला से आजादी।
बदलते दौर के साथ जैसे जैसे जमाना बदल रहा है वैसे ही मुस्लिम महिलाओं में अपने समाज में महिलाओं के प्रति तीन तलाक और हलाला जैसे कुप्रथाओं से बचाव के लिए सनातन धर्म के प्रति लगाव बढ़ना कही न कही उचित ही है।संभव है यही कारण है कि वर्तमान समय में कुप्रथाओं से बचने हेतु मुस्लिम युवतियों अपने जीवनसाथी के रूप में हिंदू युवकों को अपना रही है।