आज 26 जनवरी को देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो खास तौर पर भगवान शिव के महालिंगोद्भव के दिन मनाया जाता है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाने वाला यह त्यौहार शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन भक्तों का उत्साह और श्रद्धा चरम पर होती है, और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
महाशिवरात्रि पर विशेष पूजा विधियाँ
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त विशेष रूप से शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र, धतूरा और फूल चढ़ाकर पूजा करते हैं, क्योंकि ये सभी भगवान शिव को प्रिय माने जाते हैं। इस दिन मंदिरों में महाआरती, हवन और महाप्रसाद का आयोजन होता है। साथ ही, भक्त अपनी भक्ति में लीन होकर व्रत भी रखते हैं और पूरे दिन उपवास करते हैं।
चार प्रहर की पूजा का महत्व
महाशिवरात्रि के दिन चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व है, जिसमें हर प्रहर में अलग-अलग समय पर पूजा की जाती है।
प्रथम प्रहर: सुबह 6:19 बजे से लेकर रात 9:26 बजे तक
द्वितीय प्रहर: रात 9:26 बजे से मध्यरात्रि 12:23 बजे तक
तृतीय प्रहर: मध्यरात्रि 12:34 बजे से 27 फरवरी, सुबह 3:41 बजे तक
चतुर्थ प्रहर: 27 फरवरी, सुबह 3:41 बजे से लेकर 6:48 बजे तक
व्रत के दौरान उपयुक्त आहार
महाशिवरात्रि के उपवास में एक बार फलाहार करना उचित माना जाता है। हालांकि, जो महिलाएं गर्भवती हैं या जिनकी तबियत ठीक नहीं है, वे तीन बार फलाहार कर सकती हैं। व्रत के दौरान सिंघाड़े का हलवा, कुट्टू, सामा के चावल, आलू आदि का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, दूध से बनी मिठाइयाँ और साबूदाने से बनी चीज़ें भी खाई जा सकती हैं।
व्रत के दौरान किन चीजों से बचें
महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने वालों को कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। इस दिन लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, मांसाहारी भोजन और मदिरा का सेवन भी वर्जित है। फलाहार में केवल सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इस दिन गेहूं, चावल और अन्य अनाजों से बनी चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप पूजा के बावजूद इन नियमों का पालन नहीं करते, तो आपको महाशिवरात्रि की पूजा का फल नहीं मिलेगा।
महाशिवरात्रि का यह दिन सभी भक्तों के लिए भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का अवसर है, और अगर आप इस दिन के व्रत और पूजा विधियों का सही पालन करते हैं तो निश्चित रूप से आशीर्वाद मिलेगा।