इस दिवाली संस्था "दानपात्र" द्वारा देश के 10 लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाई जा रही मदद
इस दिवाली संस्था "दानपात्र" द्वारा देश के 10 लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाई जा रही मदद
इंदौर (मध्यप्रदेश)
दीपावली याने रोशनी का त्योहार। जहां गली-मोहल्ले से लेकर घर-आंगन रोशन रहते हैं। कुछ घर ऐसे होते है जहां दीपों की रोशनी नहीं पहुंचती और दीपावली की रौनक फीकी लगने लगती है। ऐसे जरूरतमंद गरीब परिवारों की मदद करने और उनकी अंधेरी दुनिया को रोशन करने के लिए "दानपात्र" फाउंडेशन ने कदम उठाया है।
संस्था दानपात्र के सदस्यों द्वारा "दानपात्र" दिवाली मिशन 1 मिलियन रखा गया है जिसके माध्यम से देश के 50 से अधिक शहरों में 25 हजार से ज्यादा वॉलंटियर द्वारा 10 लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक कपड़े , राशन , किताबे , खिलौने एवं अन्य जरूरत का सामान पहुंचाकर उनकी मदद की जा रही है यह मिशन 9 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक चलाया जा रहा है देश के कई शहरों में यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है इंदौर में भी 16 अक्टूबर को बड़े स्तर पर आयोजन कर कई स्लम परिवारों तक मदद पहुंचाई गई । टीम के सदस्यों का कहना है
हर साल दीपावली पर घरों से ऐसा सामान बाहर आ जाता है जो कई जरूरतमंदों के काम आ सकता है। यही पुराना सामान किसी गरीब परिवार की खुशी की वजह बन सकता है। इसी सोच को मूर्तरूप देते हुए "दानपात्र" फाउंडेशन ने पुराने सामान को उपयोगी बना जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए मिशन 1 मिलियन रखा है। देश के अलग अलग शहरों में लोगों से अपील की जा रही है कि घरों से निकलने वाला सामान ना फेंके, ना बेचे। "दानपात्र" को डोनेट करे , ताकि उसका सही उपयोग हो सके। सोशल मीडिया पर भी लोगों से संस्था से जुड़ने और गरीब परिवारों के जीवन को रोशन करने की अपील की जा रही है। जिससे जरूरतमंदों को दीपावली पर खुशियों का तोहफा दे सके। पूरे देश से इस मिशन को सफल बनाने के लिए देशवासियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है पहली बार किसी संस्था द्वारा इस तरह का प्रयास किया गया है जो वाकई सराहनीय है संस्था गरीब एवं जरूरतमंदों की मदद के साथ-साथ नि:शुल्क शिक्षा के माध्यम से बच्चों एवम महिलाओं को शिक्षित कर रही है दानपात्र निःशुल्क पाठशाला देश के कई शहरों में हजारों बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देकर शिक्षित कर रही है जिससे आर्थिक परिस्थितियों के चलते जो बच्चें पढ़ नही पाते है वह दानपात्र निःशुल्क पाठशाला के माध्यम से अपने अधूरे सपनों को पूरा कर रहे है
"दानपात्र" क्या है कैसे हुई इसकी शुरुआत ?
संस्था "दानपात्र" एक ऑनलाइन निःशुल्क ऐप के माध्यम से कार्य करती है जिसकी मदद से घरों में उपयोग में न आ रहे सामान जैसे कपड़े ,खिलोने ,किताबें ,जूते ,बर्तन इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स , फर्नीचर एवं अन्य सामान को कलेक्ट कर उपयोग लायक बना जरूरतमंद परिवारों तक पहुँचाया जाता है पिछले 4 वर्षों में दानपात्र के माध्यम से लगभग 25 लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक मदद पहुंचाई जा चुकी है देश भर में कार्य कर रही संस्था "दानपात्र" से 35 हजार से ज्यादा वालंटियर्स जुड़े हुए है जो अपना समय देकर सहयोग करते है
संस्था "दानपात्र" द्वारा अलग अलग शहरों में सेंटर बनाएं गए है जहां आकर कोई भी ऐप में रिक्वेस्ट डालकर सामान डोनेट कर सकता है "दानपात्र" टीम द्वारा इस सामान को फिल्टर कर उपयोग लायक बना जरूरतमंद परिवारों तक पहुँचाया जाता है "दानपात्र" देने वाले और लेने वालों के बिच सेतु बनकर दोनों की ही मदद कर रहा है संस्था दानपात्र का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड , 2 बार इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के साथ साथ कई रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जा चुका है
इंदौर के साथ साथ अयोध्या मथुरा , बिहार , उज्जैन , भोपाल , उदयपुर, सूरत अहमदाबाद , जबलपुर , ओडिशा, उज्जैन , भोपाल , बिहार , सूरत , मथुरा , ओडिशा जबलपुर , अहमदाबाद , उदयपुर जैसे देश के 50 से अधिक शहरों में "दानपात्र" के माध्यम से सेवा कार्य कर लोगों की मदद की जा रही है जल्द ही पूरे भारत के साथ साथ अन्य देशों में भी शुरू किया जाने वाला है दानपात्र
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