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कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी द्वारा बुलाई गई राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा राजस्व न्यायलयो में लंबित वादों की गहन समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि सभी तहसीलों में 5 वर्ष से अधिक के वाद लगभग निस्तारित हो चुके है

Rajat Mishra
  • Nov 6 2024 7:24PM

इनपुट-अंशुमान दुबे, लखनऊ

 
आज कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा राजस्व न्यायलयो में लंबित वादों की गहन समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि सभी तहसीलों में 5 वर्ष से अधिक के वाद लगभग निस्तारित हो चुके है। उन्होंने बताया कि जितने भी वाद बियांड टाइम है उनके सम्बन्धित अधिकारियों को मेमो जारी किए जाए। इस माह के अंत तक यदि किसी भी न्यायलय में कोई भी वाद बियांड टाइम पाया जाएगा तो सम्बन्धित के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी। 
 
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जो नायब तहसीलदारों के नए कोर्ट सृजित किए गए है, वहां की व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया जाए। मैनपावर, कंप्यूटर और इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाए। उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा धारा 80 के समय सीमा के ऊपर के लंबित वादों की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया की किसी भी तहसील में समय सीमा के ऊपर धारा 80 का कोई वाद लंबित नही है। जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा प्रशंशा की गई। उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा धारा 24 के लंबित वादों की भी समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया की अभी भी तहसीलों में 1 वर्ष के ऊपर के वाद लंबित नहीं है, परंतु 6 माह से ऊपर के कुछ वाद लंबित है। जिसके लिए निर्देश दिए गए की आज ही लेखपाल और कानूनगो बैठक बुलाते हुए लिखित पैमाईश का शेड्यूल जारी करके जिलाधिकारी को अवगत कराया जाए और शेड्यूल का अनुपालन न करने वाले लेखपाल और कानूनगो के विरुद्ध कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए। 
 
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा धारा 34 के संबंध में निर्देश दिए गए की कृषि भूमियों की को रजिस्ट्री हो रही है उसमे म्यूटेशन के दौरान जो प्रावधान आवश्यक है उसको रजिस्ट्री करते समय रजिस्ट्री में अंकित किया जाए, ताकि म्यूटेशन के समय सुविधा रहे। उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा धारा 116 के वादों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने बताया की धारा 116 के कितने प्रकरण लंबित है उन सभी का अंश निर्धारण करना अगले 3 दिनों में सुनिश्चित किया जाए। 
 
उक्त के बाद बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा IGRS व मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत ऑनलाइन प्राप्त होने वाले प्रकरणों की समीक्षा से की गई। उन्होंने निर्देश दिए कि IGRS प्रकरणों के सभी निस्तारण गुणवत्तापूर्ण हो। IGRS के प्रकरणों के सम्बंध में किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नही किया जाएगा। IGRS के प्रकरणों में यदि कोई भी अनियमितता पाई जाती है तो कार्यवाही निश्चित है। उक्त के साथ ही समाधान दिवस के प्रकरणों का ससमय गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। कोई भी प्रकरण समय सीमा के बाहर नहीं जाना चाहिए। उक्त के साथ ही प्रकरणों के निस्तारण के बाद शिकायतकर्ताओं को कॉल करके उनका फीडबैक भी लिया जाए। बैठक के दौरान जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए की तहसील के सभी पटलो पर प्राप्त होने वाली शिकायतो के निस्तारण का सत्यापन कराना सुनिश्चित किया जाए। अवशयकतानुसार शिकायतकर्ताओं से कॉल करके उनका फीड बैक भी लिया जाए। उक्त बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, समस्त उप ज़िलाधिकारी, समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट, समस्त तहसीलदार व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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