हिंद की सेनाओं की शक्ति लगातार बढ़ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत की सेना हर मोर्चे पर मजबूत हो रही है. इसी क्रम में चीन और पाकिस्तान की ओर से बढ़ रही चुनौतियों से निपटने के लिए नौसेना महत्वपूर्ण समुद्री ठिकानों पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की तैनाती करने जा रही है. कई सफल परीक्षणों के बाद नौसेना ने हाल ही में इन मिसाइलों को समुद्री ठिकानों पर तैनाती के लिए स्वीकृत किया है.
बता दें कि तैनात की जाने वाली क्रूज मिसाइलें आवाज से तेज गति से लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने के लिए जानी जाती हैं. नौसेना इन क्रूज मिसाइलों को मोबाइल लॉन्चर के जरिये भी दाग सकती है. इन्हें आवश्यकतानुसार कहीं भी ले जाया जा सकता है. अर्थात इन्हें खोजकर बर्बाद करना दुश्मन के लिए लगभग असंभव होगा. इतना ही नहीं यह मिसाइलें युद्धपोत और पनडुब्बी से भी दागी जा सकेती है.
बता दें कि तटीय क्षेत्रों के लिए मोबाइल मिसाइल बैटरी सिस्टम की तैनाती को रक्षा मंत्रालय पहले ही हरी झंडी दे चुका है और इस से संबधित सामग्री की आपूर्ति का समझौता 30 मार्च को ब्रह्मोस एयरोस्पेस कॉरपोरेशन के साथ हो गया है.
वहीं नौसेना के अधिकारियों का कहना है कि तटवर्ती इलाकों में अगली पीढ़ी के अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम को तैनात करने के बाद हम सभी तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो जाएंगे. यह सिस्टम खतरे का पता लगाकर उसे खत्म करने में सक्षम होगा. रूस के साथ मिलकर तैयार हुआ यह स्वदेशी सिस्टम दुश्मन के युद्धपोत और जमीन से होने वाले हमलों से निपटने में सक्षम होगा जिसका लाभ हमारे देश को मिलेगा और देश की सुरक्षा व्यव्स्था मजबूत होगी. इस मिसाइल प्रणाली को फिलीपींस में भी निर्यात किया जा रहा है. फिलीपींस मरीन कॉर्प्स के कर्मियों ने भी भारत में ब्रह्मोस फैसिलिटीज में ट्रेनिंग ली है और उनके अधिक बैचों को यहां प्रशिक्षित किया जाने वाला है.
अतुल राणे की अध्यक्षता वाली ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित पांच अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में भी काम कर रही है. ब्रह्मोस के अध्यक्ष ने कहा था कि फिलीपींस के साथ 375 मिलियन डॉलर के पहले निर्यात के बाद उनकी टीम 2025 तक पांच अरब डॉल का लक्ष्य लेकर चल रही है.