महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिंदे सरकार ने राज्य के मदरसा शिक्षकों को तोहफा दिया है. दरअसल, राज्य सरकार ने मदरसा में पढ़ाने वाले टीचरों की वेतन बढ़ाने का निर्णय लिया है, लेकिन सवाल अब ये है कि हिंदू के भरे टैक्स पर मालामाल होंगे महाराष्ट्र के मदरसों में पढ़ने वाले शिक्षक. वहीं, मेहरबान शिंदे सरकार की यह मेहरबानी आंखों में आंसुओं के साथ देख रहे राज्य के संस्कृत विद्यालय
मिली जानकारी के अनुसार, नॉर्मल शिक्षक की वेतन 6 हजार से 16 हजार कर दी गई है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के चलते आचार संहिता लागू होने से पहले एकनाथ शिंदे सरकार की कैबिनेट ने यह बड़ा फैसला लिया है. बता दें कि कैबिनेट ने अपनी आखिरी बैठकों में ओबीसी, आदिवासी और अल्पसंख्यकों के खाते में कई तोहफे डाले हैं. वहीं सरकार के ओर से रिकॉर्ड 80 फैसलों पर विचार किया और उनमें से 38 को मंजूरी दे दी है. उनमें से एक राज्य के मदरसों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला है. कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.
बताया जा रहा है कि डी.एड. शिक्षकों को 6 हजार रुपये प्रति माह वेतन भुगतान किया जाता है. अब इस सैलरी में बढ़ोतरी कर इसे 16 हजार रुपये प्रति माह किया जाएगा. इसके बाद माध्यमिक स्तर पर बी.एड. और बी.एससी-बी.एड. योग्यता वाले शिक्षकों को भी 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये प्रति माह वेतन के भुगतान का शिंदे सरकार ओर से फैसला लिया गया है.
जानकारी के लिए बता दें कि शिंदे सरकार जाकिर हुसैन मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा दे रही है. वहीं, इस योजना के तहत मदरसों में पारंपरिक धार्मिक शिक्षा के साथ उर्दू पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है. इसके अतिरिक्त मौलाना आजाद अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम का बजट भी 700 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपये कर दिया जाता है.