हरिगढ़ में 100 वर्ष पुराना हनुमान मंदिर को जिहादियों से चंगुल से मुक्त कराया गया है। दरअसल, हरिगढ़ के थाना देहली गेट क्षेत्र के सराय मियां इलाके में स्थित इस मंदिर को कई वर्षों से अवैध कब्जे और उपेक्षा का सामना करना पड़ा था। अब पुनः इसको अस्तित्व में लाया गया है। इसके साथ ही मंदिर के शुद्धिकरण कर, पुनः स्थापना की गई। इसके लिए आज दर्जनों हिंदू कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर यह ऐतिहासिक कदम उठाए है।
अवैध कब्जे और गंदगी से मंदिर का स्थिति खराब
बता दें कि, कई वर्षों से इस प्राचीन मंदिर पर अवैध कब्जा किया गया था। जिसके कारण परिसर में गंदगी और उपेक्षा का माहौल था। जिससे मंदिर का धर्मिक और सांस्कृतिक महत्व लगातार आहत हो रहा था। वहीं, हिंदू कार्यकर्ताओं का मानना था कि इस कब्जे के कारण धार्मिक स्थल का अस्तित्व संकट में था। इसको लेकर कई प्रमुख स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों ने अगुवाई की है। जिनमें पूर्व मेयर शकुंतला भारती, सामाजिक कार्यकर्ता विनय वार्ष्णेय, अतुल राजाजी, अंकुर शिवाजी, विशाल देशभक्त, हर्षद हिंदू, जुबिन वार्ष्णेय, और मन्नू पंडित प्रमुख थे। इन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस मिशन में महत्वपूर्ण योगदान दिया और लोगों को इस मुहिम से जोड़ने में सफलता प्राप्त की।
सफाई अभियान और शुद्धिकरण की प्रक्रिया
मंदिर को कब्जे से मुक्त कराए जाने के बाद, सबसे पहले परिसर की सफाई की गई। इस सफाई अभियान में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अहम भूमिका निभाई। इसके बाद, शुद्धिकरण की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें हवन और आरती का आयोजन किया गया। इन पवित्र अनुष्ठानों का उद्देश्य मंदिर के आध्यात्मिक माहौल को फिर से जीवित करना था।
सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मंदिर की पुनर्स्थापना
इसको लेकर विशाल देशभक्त ने कहा कि इस मंदिर की पुनर्स्थापना धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल आस्थाओं को पुनः स्थापित करने का प्रयास था, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर और परंपरा को बचाने की भी एक कोशिश थी। मंदिर को उसके प्राचीन रूप में लाकर, हिंदू समुदाय की आस्था को मजबूती दी गई है और यह स्थानीय इतिहास के संरक्षण में भी सहायक है। यह पहल यह भी दर्शाती है कि जब समाज एकजुट होकर अच्छे उद्देश्यों के लिए कार्य करता है, तो बड़े से बड़े संकट का समाधान संभव हो सकता है। मंदिर की पुनर्स्थापना ने समाज में सहयोग, सद्भाव और एकता की भावना को भी प्रोत्साहित किया।
समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रयास
हरिगढ़ के इस प्राचीन हनुमान मंदिर का पुनर्निर्माण धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यह घटना यह साबित करती है कि जब सामुदायिक नेतृत्व और भागीदारी सही दिशा में काम करती है, तो किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। मंदिर की पुनर्स्थापना न केवल धार्मिक स्थल को पुनर्जीवित करने का कदम था, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी एक प्रेरणा का कार्य था।