उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में पिछले साल जुलाई में पकड़े गए नागरिकता जिहाद और जन्म पंजीकरण जिहाद का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। जांच में पता चला है कि पिछले कुछ महीनों में 52 हजार से अधिक बच्चों के लिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए हैं। इन फर्जी प्रमाणपत्रों को बनाने के लिए जन्म प्रमाणपत्रों में गलत तरीके से जानकारी डाली गई थी।
बता दें कि, नागरिकता जिहाद और जन्म पंजीकरण जिहाद के जागरूकता को लेकर सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक धर्मयोद्धा श्री सुरेश चव्हाणके जी ने कई शो बनाए है। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले को लेकर अपने आधिकारीक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट भी शेयर किया है। पोस्ट में धर्मयोद्धा श्री सुरेश चव्हाणके जी ने लिखा कि, "सुदर्शन के #जन्म_पंजीकरण_जिहाद हैशटैग पर आपको इस तरह के कई मामले मिल जाएँगे #नागरिकता_जिहाद।"
मुख्य विकास अधिकारी ने की जन्म पंजीकरण जिहाद की रद्दीकरण की घोषणा
जिले के मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा अन्य गांवों के प्रमाणपत्रों की भी जांच की जा रही है। प्रशासन को आशंका है कि फर्जी प्रमाणपत्रों की संख्या एक लाख तक पहुंच सकती है।
नागरिकता जिहाद का बड़ा खुलासा
रायबरेली के सलोन क्षेत्र में 17 जुलाई 2024 को ग्राम पंचायत अधिकारी विजय सिंह यादव और सीएससी संचालक मोहम्मद जीशान समेत चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। आरोप था कि वीडीओ की आईडी और पासवर्ड का गलत उपयोग कर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए गए थे। इस दौरान ग्राम पंचायत सांडा सैदन में 4,960 जन्म प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी किए गए, जिनमें से 4,897 फर्जी पाए गए।
अन्य गांवों में भी नागरिकता जिहाद का खुलासा
सलोन क्षेत्र के अन्य गांवों में भी जन्म पंजीकरण जिहाद का बड़ा खुलासा हुआ है। औनानीस गांव में 1,671 प्रमाणपत्रों में से 1,665 फर्जी पाए गए। वहीं, माधौपुर निनैया में 3,790 प्रमाणपत्रों में से 3,746 फर्जी थे। पाल्हीपुर में 13,721 प्रमाणपत्रों में से 13,707 फर्जी पाए गए, और पृथ्वीपुर में 9,399 प्रमाणपत्रों में से 9,393 फर्जी थे। इसके अलावा जिले के अन्य हिस्सों में भी हजारों फर्जी प्रमाणपत्र मिले हैं। जिला पंचायत राज अधिकारी ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए निदेशालय को पत्र भेजकर सभी फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों को निरस्त करने की सिफारिश की है। फिलहाल प्रशासन द्वारा जांच की प्रक्रिया जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।