मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के समीप महू में सामाजिक समरसता का अनूठा आयोजन हुआ जिसमें शबरी जयंती के उपलक्ष्य में समिति द्वारा जनजातीय बंधुओ का स्वागत करते हुए उन्हें अपने घरों में भोजन कराया।।शबरी जयंती के उपलक्ष्य में महू के नागरिकों ने सामाजिक समरसता का अनूठा उदाहरण पेश किया जिसमें महू शहर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रो से जनजातीय बंधुओ को आमंत्रित करके उत्सव मनाया गया।। आयोजन समिति के प्रमुख पंडित लोकेश शर्मा के अनुसार कुछ विधर्मी लोगो ने राजनीतिक कारणों से समाज के लोगो में खाई पैदा कर दी है जिसके कारण जनजातीय समाज मुख्य धारा से दूर होता जा रहा था इस आयोजन द्वारा हमने तस्वीर की धूल साफ करने की कोशिश की है l
आयोजन नगर की आस्था का केंद्र गोपाल मंदिर पर किया गया जिसमें गोपाल जी को वनवासी राम की वेशभूषा में तैयार किया गया और बेर का भोग लगाया गया साथ ही अंचल से आये हुए वनवासी बंधुओ के साथ भगवान राम और माता शबरी के चित्र पर माल्यार्पण कर महाआरती की गई।। इस आयोजन की विशेष बात ये रही कि अंचल से पधारे सेकड़ो की संख्या में जनजातीय बंधुओ को नगर के निवासियों ने अपने निवास पर भोजन करवाया और तिलक लगाकर राम जी और माता सबरी का चित्र उपहार स्वरूप भेंट किया ओर जनजातीय बंधुओ को ये संदेश दिया कि ऊंच नीच,जात पात विधर्मियो के बनाये हुए छल है वास्तव में समाज उनके करीब है।। इस आयोजन में मुख्य रूप से हिन्दू जागरण मंच के राधेश्याम यादव,हिन्दू वीर लोकेश शर्मा ,राधेश्याम बियानी, सुरेश लड्ढा, राजीव खंडेलवाल, कु.अजय सिंह विशाल बियानी, विनोद विश्वकर्मा एवं सेकड़ो की संख्या में पधारे जनजातीय बंधु शामिल रहे।।