लगातार दूसरी बार असम की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी राज्य में अपनी ताकत को लगातार बढ़ाती जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के केंद्र में जाने के बाद मुख्यमंत्री बने हिमंत बिस्वा सरमा राज्य हित में तो तमाम बड़े निर्णय ले ही रहे हैं, साथ ही उनकी नजर राज्य में भगवा दल को मजबूत करने पर भी लगी हुई है. इसी क्रम में कांग्रेस के दो तथा बदरुद्दीन अजमल की AIUDF के एक विधायक ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
खबर के मुताबिक़, असम विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के दो विधायक तथा अजमल की एआईयूडीएफ के एकमात्र हिंदू विधायक फणीधर तालुकदार सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए. भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र से ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक फणीधर तालुकदार ने स्पीकर बिस्वजीत दैमारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. तालुकदार के इस्तीफे से विधानसभा की पांच सीटें खाली हो गईं.
खबर के मुताबिक़, तालुकदार ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से मुलाकात की, जिन्होंने उनका बीजेपी में स्वागत किया. तालुकदार बुधवार रात पार्टी के प्रदेश मुख्यालय गए और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भाबेश कलिता की मौजूदगी में औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हो गये.
असम विधानसभा चुनावों में भाजपा की ही सहयोगी असम गण परिषद के उम्मीदवार रंजीत डेका को हराने वाले तालुकदार ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र और असम के लोगों के 'व्यापक हित' के लिए एआईयूडीएफ छोड़ दिया और राज्य के लोगों के कल्याण के लिए काम करेंगे. तालुकदार मुस्लिम आधारित पार्टी एआईयूडीएफ में अकेले हिंदू विधायक थे. अब बीजेपी भवानीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में तालुकदार को टिकट दे सकती है.
इससे पहले कांग्रेस के दो बार विधायक सुशांत बोरगोहेन तथा चार बार के कांग्रेस विधायक और असम के चाय बागान के प्रमुख नेता रूपज्योति कुर्मी ने पार्टी छोड़ दी और भगवा पाले में शामिल हो गए. अब राज्य में विधानसभा की कुल 5 सीटें खाली हो गई हैं. अब बीजेपी की कोशिश इन सभी 5 सीटों को जीतकर अपनी संक्या बढ़ाने की होगी.