केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है, और अब इसे बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद में पेश किया जाएगा, जो 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल की बैठक में 19 फरवरी को 14 बदलावों को स्वीकृति दी गई है।
विधेयक में क्या बदलाव किए गए हैं?
इस विधेयक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रस्ताव है, जिससे इस मुद्दे पर विवाद उत्पन्न हो चुका है। 13 फरवरी को वक्फ विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट संसद में पेश हुई थी, जिस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था।
रिजिजू ने पेश किए थे दो महत्वपूर्ण विधेयक
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले साल 8 अगस्त को वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024 पेश किए थे। इन विधेयकों का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विनियमन में सुधार करना है, ताकि वक्फ बोर्ड का काम और वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और अधिक कुशल हो सके।
1923 का कानून क्यों होगा निरस्त?
मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक-2024 के तहत 1923 का मुसलमान वक्फ अधिनियम निरस्त किया जाएगा, जो ब्रिटिश काल का कानून है। यह कानून अब वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए अपर्याप्त साबित हो रहा है। इसके स्थान पर वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में एकरूपता और पारदर्शिता लाने की कोशिश की जाएगी।
14 प्रमुख बदलावों को मंजूरी
विधेयक में कुल 14 बदलावों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से कुछ प्रमुख बदलाव हैं:
1. वक्फ संशोधन विधेयक का नाम बदलकर 'एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास विधेयक' किया जाएगा।
2. राज्य वक्फ बोर्डों में मुस्लिम ओबीसी समुदाय का एक सदस्य होगा।
3. बोर्ड में महिलाओं को स्थान मिलेगा।
4. गैर-मुस्लिमों को भी बोर्ड का हिस्सा बनाया जाएगा।
5. सभी वक्फ संपत्तियों का विवरण 6 महीने के भीतर केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
6. वक्फ बोर्ड की संपत्तियां सीमित की जाएंगी।
7. सभी वक्फ रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जाएगा।
8. बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारी सीआईओ के रूप में नियुक्त होंगे।
9. ऑडिट प्रणाली को बेहतर किया जाएगा।
10. जिलाधिकारी की भूमिका संपत्तियों की देखरेख में बढ़ेगी।
11. वक्फ संपत्तियों के दावे की सत्यापन प्रक्रिया अनिवार्य होगी।
12. अवैध कब्जों को रोका जाएगा और अनधिकृत संपत्ति हस्तांतरण पर सजा का प्रावधान होगा।
विपक्ष के बदलावों को खारिज किया गया
वक्फ विधेयक पर कुल 67 बदलाव प्रस्तावित किए गए थे, जिनमें से भाजपा और सहयोगी दलों के 23 बदलावों को स्वीकार किया गया। वहीं विपक्ष के 44 प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया। जेपीसी ने कुल 14 बदलावों को मंजूरी दी, जिनका अब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी अनुमोदन किया है।
विधेयक की अहमियत
यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने और प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।