1 मार्च 2025 से कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका असर आम आदमी की जेब और दैनिक जीवन पर पड़ेगा। इन बदलावों में एलपीजी सिलेंडर की कीमतें, म्यूचुअल फंड से जुड़े नए प्रावधान, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के नियम, बैंक अवकाश और यूपीआई भुगतान प्रणाली से जुड़े संशोधन शामिल हैं। आइए जानते हैं कि ये बदलाव आपके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।
1. बदल जाएगा नॉमिनेशन का नियम
1 मार्च से, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) म्यूचुअल फंड और डिमैट अकाउंट के लिए नामांकन के नियमों में बदलाव करेगा। इसके तहत, निवेशक अब अधिकतम 10 नॉमिनी को जोड़ पाएंगे और यह तय कर पाएंगे कि उनके द्वारा नामांकित व्यक्तियों को कितने प्रतिशत की राशि आवंटित करनी है। यह बदलाव निवेशकों के लिए अपनी संपत्ति के वितरण और प्रबंधन को सरल बनाएगा। अब वे अपनी इच्छाओं के अनुसार आसानी से संपत्ति का बंटवारा कर सकते हैं, जिससे परिवार और निवेशकों के बीच पारदर्शिता बढ़ेगी।
2. एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव
तेल कंपनियां हर महीने के पहले दिन एलपीजी सिलेंडर की नई कीमतों की घोषणा करती हैं। 1 मार्च को तेल कंपनियां सुबह करीब 6:00 बजे एलपीजी सिलेंडर की संशोधित कीमतें जारी करेंगी। इसके साथ ही, एयर टर्बाइन फ्यूल, सीएनजी और पीएनजी के दाम भी अपडेट किए जाएंगे। इन बदलावों का असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा, खासकर उन परिवारों पर जो एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं।
3. एफडी की ब्याज दरें
1 मार्च 2025 से फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के नियमों में बदलाव हो सकता है। हाल ही में कुछ बैंकों ने अपनी एफडी ब्याज दरों में बदलाव किया है, और मार्च से बैंकों में एफडी की दरें और अधिक बदल सकती हैं। इस बदलाव का प्रभाव उन निवेशकों पर पड़ेगा जो अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए एफडी का विकल्प चुनते हैं। अधिक ब्याज दर मिलने से निवेशकों के लिए अच्छा लाभ हो सकता है, खासकर छोटे निवेशकों के लिए यह राहत का सबब बन सकता है।
4. यूपीआई पेमेंट से जुड़े नियम में बदलाव
यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) पेमेंट प्रणाली में भी बदलाव किया जाएगा। बीमा प्रीमियम के भुगतान को और आसान बनाने के लिए यूपीआई से जुड़े नियमों में संशोधन किया जाएगा। सरकार की योजना है कि बीमा कंपनियों को यूपीआई सिस्टम से जोड़ने की, ताकि बीमा पॉलिसीधारक आसानी से प्रीमियम का भुगतान कर सकें। यह बदलाव डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और वित्तीय लेन-देन को सरल बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
5. टैक्स से जुड़े बदलाव
1 मार्च से कराधान (टैक्स) के क्षेत्र में भी कई बदलाव हो सकते हैं। सरकार द्वारा टैक्स स्लैब और टीडीएस की सीमा में बदलाव किया जा सकता है, जिससे करदाताओं को राहत मिल सकती है। खासकर सीनियर सिटीजन के लिए टीडीएस की लिमिट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है। इससे वरिष्ठ नागरिकों को अधिक वित्तीय राहत मिल सकती है और उन्हें अपने करों के भुगतान में आसानी हो सकती है।