उपमुख्यमंत्री चौना मीन ने दिल्ली के सेलेक्ट सिटी वॉक , साकेत में आयोजित अरुणाचल GI महोत्सव 2025 में भाग लिया। यह महोत्सव अरुणाचल प्रदेश का पहला विशाल-भौगोलिक संकेत (GI) महोत्सव था, जो राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, कारीगरी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
यह महोत्सव राज्य के कारीगरी, भोजन और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था। इसके माध्यम से राज्य सरकार के उस संकल्प को प्रदर्शित किया गया कि वह अपनी अद्वितीय पहचान और GI उत्पादों की सुरक्षा, प्रचार-प्रसार और उत्सव मनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उपमुख्यमंत्री का उद्घाटन भाषण
उपमुख्यमंत्री चौना मीन उद्घाटन भाषण में कहा कि, 'भौगोलिक संकेत (GI) उन उत्पादों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों से जुड़े होते हैं। इन उत्पादों का राज्य की धरोहर और आर्थिक विकास में अहम योगदान है।; उन्होंने यह भी कहा कि, 'अरुणाचल प्रदेश, जिसमें 26 प्रमुख जनजातियाँ और 100 उप-जनजातियाँ हैं, प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता से संपन्न है, जो इसके पारंपरिक हस्तबुनाई वस्त्र, कला, कारीगरी, कृषि उत्पादों और खाद्य परंपराओं में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। GI पंजीकरण के माध्यम से हम इन उत्पादों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और अरुणाचल प्रदेश की सांस्कृतिक संरचना को संरक्षित करने का लक्ष्य रखते हैं।'
अरुणाचल प्रदेश के GI यात्रा की शुरुआत
डिप्टी सीएम चौना मीन ने यह भी बताया कि, 'अरुणाचल प्रदेश के GI यात्रा की शुरुआत 2014 में हुई थी, जब अरुणाचल ऑरेंज और इडू मिश्मी वस्त्र व हस्तशिल्प का पंजीकरण किया गया था। इसके बाद 2016 में अदी केकीर (स्थानीय अदरक), खाओ ताई (खांटी चावल) और मोंपा मक्का (उच्च ऊंचाई वाली मक्का) के लिए आवेदन किए गए। 2024 में अरुणाचल प्रदेश ने 18 नए GI उत्पादों के पंजीकरण के साथ एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया, जिससे राज्य के कुल GI उत्पादों की संख्या 20 हो गई। इनमें भारत का पहला GI मान्यता प्राप्त हस्तनिर्मित कागज और बाजरा आधारित शराब, मारुआ आपो शामिल है।'
आगे की योजनाएं और लक्ष्यों की घोषणा
उपमुख्यमंत्री ने NABARD और पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता डॉ. राजकांत के निरंतर प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने 24 और उत्पादों के लिए आवेदन किया है, जो वर्तमान में पाइपलाइन में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अरुणाचल प्रदेश 2029 तक 50 से अधिक GI पंजीकरण प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है, ताकि इसके धरोहर उद्योगों का स्थायी विकास और वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव का मंच
अरुणाचल GI महोत्सव 2025 स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच साबित हुआ, जिसमें राज्य के पारंपरिक वस्त्र, कृषि उत्पाद और कारीगरी का प्रदर्शन किया गया, जिससे स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक अवसर मजबूत हुए। उन्होंने राज्य के पर्यटन संभावनाओं को भी उजागर किया और भारत के मुख्य भूमि से लोगों को अरुणाचल प्रदेश आने और हिमालयी राज्य की सुंदरता का अनुभव करने का निमंत्रण दिया।
यह रहा महोत्सव का मुख्य आकर्षण
महोत्सव का मुख्य आकर्षण GI महोत्सव 2025 का थीम गीत "सिंफनी ऑफ अरुणाचल" था, जिसे तानी डॉटर्स द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा अरुणाचल GI ब्रोशर का शुभारंभ और गायक, संगीतकार और गीतकार ताबा चाके द्वारा प्रदर्शन भी हुआ।
महत्वपूर्ण अतिथियों की उपस्थिति
इस महोत्सव में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, और इसमें केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, मुख्यमंत्री पेमा खांडू, राज्य के पर्यटन मंत्री पी.डी. सोना, कृषि मंत्री गैब्रियल डी. वांगसु, सांसद तापिर गाओ, राज्यसभा सांसद फांगनोन कोन्याक, असम के सांसद अमर सिंह तिस्सो, पद्म श्री डॉ. राजकांत, और अरुणाचल प्रदेश के विधायक भी शामिल हुए।