नई दिल्ली में भारतीय सेना के प्रमुख ने आज मानेकशॉ सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भारतीय सेना में प्रगति और सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अग्निपथ, अधिकारी भर्ती, और सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका जैसे पहलों पर महत्वपूर्ण अपडेट दिए।
अग्निपथ योजना के तहत प्रगति
सेना प्रमुख ने अग्निपथ योजना की सफलता को उजागर करते हुए बताया कि 1,23,000 अग्निवीर, जिन्हें "अग्नि बीस्ट्स" कहा जाता है, सक्रिय रूप से सेवा दे रहे हैं। उन्होंने उनकी उत्साही भावना, तेज़ सीखने की क्षमता और उत्कृष्टता के प्रति समर्पण की सराहना की, जैसा कि बटालियन कमांडरों द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
अधिकारी भर्ती में सुधार
सेवा चयन बोर्ड (SSB) में सुधारों पर चर्चा करते हुए, सेना प्रमुख ने अधिकारियों की भर्ती में वृद्धि पर जोर दिया। पहले जहां 1,300 वार्षिक भर्ती होती थी, अब सुधारों के बाद यह संख्या बढ़कर 1,900 हो गई है, जिससे भारतीय सेना में प्रतिभाशाली अधिकारियों का निरंतर प्रवाह सुनिश्चित हो रहा है।
सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका
सेना प्रमुख ने महिला अधिकारियों के असाधारण योगदान की सराहना की, यह बताते हुए कि वर्तमान में 1,732 महिला अधिकारी सेवा में हैं, और भविष्य में इस संख्या को 2,03,000 तक बढ़ाने की योजना है। इसके अतिरिक्त, सेना में वर्तमान में 310 महिला सैनिक हैं और इस आंकड़े को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है।
उन्होंने बलों में महिलाओं के सशक्तिकरण को भी उजागर किया, जिसमें एक महिला द्वारा की गई स्काइडाइविंग प्रदर्शनी का उल्लेख किया, जो विभिन्न भूमिकाओं में महिलाओं के लिए बढ़ती अवसरों का प्रतीक है।
प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता
सेना प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के समापन में सेना की सुधारों, समावेशन और आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने मीडिया से सवालों का स्वागत करते हुए सेना की प्रगति में पारदर्शिता और खुलापन बनाए रखने का विश्वास व्यक्त किया।
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस भर्ती, सशक्तिकरण, और ऑपरेशनल तत्परता में सेना की प्रगति को दर्शाती है, जो भविष्य की चुनौतियों के लिए उसकी तैयारी को प्रतिबिंबित करती है।