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संघर्ष समिति ने कर्मचारियों की सेवा शर्तों को लेकर भी पावर कारपोरेशन पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए आंकड़े देकर बताया कि वाराणसी और आगरा विद्युत वितरण कम्पनियों के निजीकरण से कर्मचारियों के लगभग 68000 पद समाप्त हो जायेंगे