राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को आतंकवाद के खिलाफ एक अहम सफलता मिली है। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े सलमान रहमान खान को रवांडा से गिरफ्तार कर भारत लाया गया है। सलमान पर बेंगलुरु की एक जेल में आतंकी साजिशों के आरोप थे, और जांच में यह सामने आया कि वह विस्फोटकों की आपूर्ति करने में भी शामिल था।
सलमान रहमान की गिरफ्तारी
सलमान रहमान खान को रवांडा की राजधानी किगाली में इंटरपोल और नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB) की मदद से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद, उसे भारत लाया गया और यहां औपचारिक रूप से NIA को सौंप दिया गया।
बेंगलुरु जेल में था सलमान
सलमान पहले बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में बंद था, जहां वह 2018 से 2022 तक POCSO एक्ट के तहत सजा काट रहा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात आतंकवादी टी नसीर से हुई, जो एक दोषी आतंकवादी था और उसे आजीवन कारावास की सजा मिली हुई थी। नसीर ने सलमान को कट्टरपंथी बनाने और जेल के भीतर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया था।
सलमान की आतंकवाद में संलिप्तता
एनआईए की जांच में यह पता चला कि सलमान ने आतंकी साजिशों में सक्रिय रूप से भाग लिया था। उसने हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों की खरीद और वितरण में मदद की। साथ ही, नसीर ने सलमान के साथ मिलकर अदालत में पेशी के दौरान खुद को भागने में मदद करने की साजिश रची थी।
सलमान की गिरफ्तारी की प्रक्रिया
एनआईए ने 2023 में बेंगलुरु सिटी पुलिस से इस मामले की जांच अपने हाथ में ली और सलमान के खिलाफ आतंकी साजिश का मामला दर्ज किया। इससे पहले, सलमान को भगोड़ा घोषित किया जा चुका था। उस पर यूएपीए, आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज थे। इसके बाद, इंटरपोल ने अगस्त 2023 में उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया, और रवांडा के अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार किया।
भारत वापसी के प्रयासों में सफलता
इस साल 2024 में इंटरपोल और अन्य समन्वित प्रयासों के माध्यम से भारत ने 26 भगोड़ों को वापस लाया है। इनमें आतंकवाद और यौन अपराधों के आरोपी शामिल हैं। सलमान की गिरफ्तारी इस दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि है।