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शिक्षा विभाग का नियंत्रण निजी स्कूल पर नहीं .

समस्तीपुर जिला मुख्यालय अंर्तगत नगर निगम के निजी स्कूल बिना अफिलेशन के संचालित हो रहे हैं .अभिभाबक रागनी कुमारी अपने बच्चा हर्षबर्धन को काशीपुर के कॅरिअर प्रोगेसिव एकेडमी के ukg मे नामाकरण करबाया था .

प्रवीण सिंह
  • Sep 20 2022 1:33PM
आपको बताते चले कि जब स्कूल का मोहोल आभिभाबक को अच्छा नहीं लग रहा था ;तब रागनी ने स्कूल प्रबंधक को नामाकरण बैक लेने को कहा .बुक कपड़े और फ्री मे राहत देते हुए जामा राशि मे से बापसी करने को कहा गया .आनाकानी होने पर रागनी ने विभाग को आबेदन दिया .विभाग हरकत मे आई और विभागीय ऑफिसर को लिखित आदेश दिया .अब अगर विभाग को मालूब नहीं होता तो स्कूल की दुकानदारी चलती रहती .विचार करने बाली बात यह हैं कि बिना अफिलेशन के स्कूल कैसे चलता हैं ?बेक डोर से विभाग क्या करता हैं ?स्कूल दुकानदारी जैसी क्यों बन गई हैं .हर स्कूल के फ्री और ड्रेस बुक के कॉस्ट विभाग के नियंत्रण मे क्यों नहीं हैं .रागनी को जो मानसिक और शारीरक ह्रास हुआ इसका ज़बाब कौन देगा ?रागनी ने हर्षबर्धन को लेकर जो परेशानी झेला हैं उसका मुआबजा कौन देगा ?स्कूल अपने बचाब मे पूरा पेपर वर्क कर लें पर विभाग ने नियंत्रण करना छोड़ दिया हैं .अब पूरी कहानी जब लोकल न्यूज़ पेपर ने नहीं पब्लिश किया तो रागनी का मीडिया पर से भरोशा उठ गया .रागनी कोर्ट के द्वारा अपना ह्रास लेगी .दूसरी तरफ़ स्कूल संचालक ईगो को लेकर रागनी से noc मांग रहीं हैं तब जा कर फ्री बेक करेंगी .

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