जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल 2025) को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अपनी सुरक्षा रणनीति को और सख्त कर लिया है। भारतीय सेना ने आतंकवादियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी है, और घेराबंदी को तेज कर दिया है। इस कदम का असर पाकिस्तान में भी महसूस किया जा रहा है, जहाँ सैन्य अधिकारियों के बीच घबराहट बढ़ गई है। पाकिस्तान ने अपनी सैन्य और आपातकालीन तैयारियों को बढ़ा दिया है।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में भारतीय सेना की प्रतिक्रिया से चिंतित होकर प्रशासन ने आपातकालीन प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। 25 अप्रैल को, झेलम वैली के स्वास्थ्य निदेशालय ने एक आदेश जारी करते हुए अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को सभी चिकित्सा कर्मियों को ड्यूटी पर तैनात रखने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, कर्मचारियों की छुट्टियाँ और तबादले तुरंत प्रभाव से रोक दिए गए हैं, जिससे पाकिस्तान में अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ इस 'आपात स्थिति' को गंभीरता से ले रही हैं और उनका मानना है कि नियंत्रण रेखा (LoC) पर आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें और बढ़ सकती हैं। इस संदर्भ में, भारतीय सेना ने पहलगाम और अनंतनाग जिलों में अपनी गश्त और निगरानी को और तेज कर दिया है। सेना ने इलाके की सुरक्षा में कोई भी कोताही न बरतने का संकल्प लिया है और विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार संबंधों को निलंबित कर दिया है, जिसके बाद पाकिस्तान में दवाओं की आपूर्ति में संकट खड़ा हो गया है। पाकिस्तान ने दवाओं का स्टॉक बढ़ाने के लिए आपातकालीन कदम उठाए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के स्वास्थ्य अधिकारियों ने दवाओं की आपूर्ति सुरक्षित करने के लिए आवश्यक उपाय शुरू कर दिए हैं। यह स्थिति उस वक्त आई है जब भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया था, जिससे पाकिस्तान पर दबाव बढ़ गया है।
भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के साथ-साथ संवेदनशील इलाकों में अपनी तैनाती बढ़ा दी है, जिससे यह संदेश जाता है कि भारत किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारतीय सुरक्षा बल पूरी तरह से अलर्ट पर हैं और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
भारत की सेना और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और पाकिस्तान में बढ़ती घबराहट यह दर्शाती है कि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ सकता है। दोनों देशों के बीच चल रही गतिविधियाँ इस बात का संकेत हैं कि आने वाले दिनों में सीमा पर और भी संघर्ष हो सकता है।