उत्तराखंड का हल्द्वानी में हाल ही में सरकारी जमीन से ‘अवैध’ रूप से निर्मित मदरसा एवं मस्जिद को हटाने के चलते हिंसा हुई थी. पुलिस पर हमले को लेकर कुख्यात हल्द्वानी का ही एक और इलाका हिंदुओं के पलायन के चलते चर्चा में आया है. यह उसी बनभूलपुरा के पास का इलाका है, जहां जिहादी झुंड ने अवैध मदरसा एवं मस्जिद को हटाने गई पुलिस और नगर निगम की टीम पर हमला किया था.
6 वर्ष में 60 हिंदू परिवारों ने किया पलायन
जानकारी के अनुसार बनभूलपुरा के पास शनि बाजार क्षेत्र से सटे जोशी विहार कॉलोनी से पिछले छह वर्ष में 60 हिंदू परिवार पलायन कर चुके हैं. अब इस इलाके में तीन ही हिंदू परिवार बचे हैं. उन परिवारों ने भी अपने मकानों को बेचकर अगले महीने तक इलाके को छोड़कर जाने का निर्णय कर लिया है.
बरेली रोड पर मंडी गेट के पास बसी इस कॉलोनी में प्रवेश करते ही सड़क के दोनों ओर बने मकानों में मुस्लिम रहते हैं. यहां से अंदर जाने पर हिंदू परिवारों के घर है जो अब पलायन करने का निर्णय ले चुके हैं. यहां मुस्लिमों के 150 परिवार स्थानीय निवासी बन गए हैं. यह लोग रामपुर, पीलीभीत और स्वार जैसी जगहों से आकर यहां बसे हैं. मुस्लिमों के बसने के बाद से ही इस कॉलोनी की डेमोग्राफी बहुत तेजी से बदली है.
जोशी विहार का इतिहास
वर्ष 1954 अल्मोड़ा से आए 2 भाइयों रामदत्त व देवीदत्त जोशी ने यहां कई एकड़ जमीन खरीदी थी. इसके बाद इस कालोनी का नाम जोशी विहार रखा गया. रामदत्त व देवीदत्त के पांच-पांच बेटे थे. जिसके बाद जमीन के कई हिस्से हो गए.
जमीनों के बटवारे के बाद कई भाईयों ने जमीनें को बाहरी लोगों को बेच दिया. जिसके बाद यहां कि डेमोग्राफी बहुत तेजी से बदल गई. सबसे पहले यहां रामपुर से आए मलिक नाम के व्यक्ति ने एक मकान खरीदा था. जिसके बाद मुस्लिमों ने तेजी से यहां बसना शुरू कर दिया था. आज की तारिख में यहां 150 मुस्लिम परिवार यहां रह रहे हैं.