हम इंच मात्र भी नहीं हटे हैं हम उस सोच और विचार से जो हमारे कई पूर्वजो ने स्वप्न के रूप में देखा था. उनकी आत्माओं को कतई निराश नहीं करना है और उस संकल्प को दोहराने के लिया आज से बेहतर समय शायद ही मिले. आज राष्ट्रीय अखंडता दिवस है.
आईये हम संकल्प लेते हैं की जिन्ना जैसे कट्टर मजहबी और कुछ सत्ता के लोभी नेताओं के कारण टूटे भारत को वापस अखंड बनाने की. इसकी शुरुआत करते हैं उस पाकिस्तान से जो कभी अमेरिका तो कभी चीन के साथ भारत को अस्थिर करने के चक्कर में पड़ा रहता है. इस संकल्प को हमने पहले भी कई बार दोहराया और आज भी दोहराते हैं.
आज राष्ट्रीय अखंडता दिवस अर्थात 4 अक्टूबर को हम अपने उस संकल्प को फिर से दोहराते हैं जो हमारे प्रधान सम्पादक श्री सुरेश चव्हाणके जी ने सुदर्शन न्यूज के एक कॉन्क्लेव में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित के आगे दोहराया था. उन्होंने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित के पाकिस्तान बुलावे के जवाब में कहा था की मैं पाकिस्तान आना चाहता हूं पर बिना वीजा के अखंड भारत के रूप में .
सभी राष्ट्रवादी ये जरूर जान लें की संसद से सड़क तक चीखते आज़ादी के नकली ठेकेदार चाहे जो भी तर्क दे लें पर किसी भी क्रांतिकारी ने अपने प्राण विखंडित भारत के लिए नहीं त्यागे थे. आज संकल्प दिवस है राष्ट्रीय अखंडता दिवस के रूप में की भारत के ही अंदर चल रही तमाम विखंडन कर्ता शक्तियों के समूल विनाश के साथ में अलख जगाते हैं पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने वालों के खिलाफ और दुनिया भर में आतंक का पर्याय बने आतंक की फैक्ट्री पाकिस्तान को समूल समाप्त करने का..
मिल कर संकल्प लीजिये न सिर्फ पाकिस्तान को वापस मिलाने का अपितु पाकिस्तान परस्त और पाकिस्तान समर्थक दोनों को पहचान कर उखाड़ फेंकने का और भारत को भगत जी, बिस्मिल जी, मंगल पांडेय जी, सुभाष जी, चंद्रशेखर जी के सपनो का भारत बनाने का जिसमे जिन्ना जैसे आतताइयों और सत्ता के लिए भारत को बांट देने वालों का कोई भी स्थान ना हो .