दशहरा, भारत में मनाया जाने वाला एक जीवंत त्योहार है, जो हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और इसी दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध कर माता सीता को मुक्त किया था। दशहरे का मुख्य आकर्षण रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन है, जो बुराई के अंत का प्रतीक है।
इस वर्ष, दशहरे का शुभ मुहूर्त 12 अक्टूबर को सुबह 10:58 बजे से शुरू होकर 13 अक्टूबर को सुबह 9:08 बजे तक रहेगा। लेकिन उदयातिथि के अनुसार, मुख्य उत्सव 12 अक्टूबर (शनिवार) को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से पूजा, पाठ और शुभ कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है।
पूजा विधि
घर में पूजा करने के लिए एक साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। फिर चौकी पर भगवान राम और माता दुर्गा की मूर्तियां रखें। उसके बाद स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर गणेश जी की स्थापना करें। फिर नवग्रहों की पूजा करें और अपने इष्ट देवता की आराधना करें। लाल फूल और गुड़ से बने पकवानों का भोग लगाएं। पूजा समाप्त करने के बाद दान-दक्षिणा करें और विजय पताका को अपने पूजा स्थल पर लगाएं।
दशहरे के असरदार उपाय
1. नौकरी में सफलता: दशहरे के दिन 'ऊं विजयायै नम:' मंत्र का जाप करें और मां दुर्गा को 10 फल अर्पित करें, फिर इन्हें गरीबों में बांट दें। इससे आपकी परेशानियां दूर होंगी और सफलता मिलेगी।
2. सुख-समृद्धि के लिए: शाम को मां लक्ष्मी का ध्यान करके किसी मंदिर में झाड़ू दान करें। यह उपाय आपके घर में धन और खुशहाली लाएगा।
3. आर्थिक तंगी दूर करने के लिए: दशहरे के दिन शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। यह उपाय आपके लिए सौभाग्य लाएगा। इसके साथ ही, सुंदरकांड का पाठ करने से सभी संकट दूर होते हैं और जीवन में शांति आती है।
दशहरा न केवल भारतीय संस्कृति की समृद्धि को दर्शाता है, बल्कि यह अच्छाई और बुराई के बीच की निरंतर लड़ाई की याद दिलाता है, जिससे लोगों को अपने जीवन में नैतिकता के मूल्यों को बनाए रखने की प्रेरणा मिलती है।