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Papankusha Ekadashi 2024: पापांकुशा एकादशी पर पढ़ें ये व्रत कथा, श्रीहरि की होगी कृपा

पापांकुशा एकादशी 13 अक्टूबर को मनाई जा रही है।

Deepika Gupta
  • Oct 13 2024 4:48PM

पापांकुशा एकादशी 13 अक्टूबर को मनाई जा रही है। यह एकादशी विशेष रूप से भगवान विष्णु की आराधना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भक्तजन उपवास रखते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु के प्रति सच्चे मन से की गई भक्ति से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। तो चलिए पढ़ते हैं पापांकुशा एकादशी की कथा। 

कथा का महत्व

पापांकुशा एकादशी की कथा में वर्णित है कि एक बार राजा मान्धाता ने एक ऋषि से पूछा कि "मेरे राज्य में सुख-शांति क्यों नहीं है?" ऋषि ने उन्हें बताया कि उन्हें पापांकुशा एकादशी का व्रत करना चाहिए। राजा ने व्रत किया और भगवान विष्णु की आराधना की। इस व्रत के फलस्वरूप राजा को अपार धन-धान्य और सुख-समृद्धि प्राप्त हुई। इसके बाद राजा ने अपने राज्य में एक आदर्श व्यवस्था स्थापित की और सभी प्रजाजन सुखी रहने लगे।

व्रत की विधि

इस दिन भक्तजन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र का पूजन करते हैं। पूजा के दौरान तुलसी के पत्ते, फूल, फल और मिठाई का भोग अर्पित किया जाता है। उपवास के दौरान केवल फलाहार किया जाता है। भक्तजन दिनभर भगवान का ध्यान करते हैं और रात्रि को विशेष ध्यान और भजन-कीर्तन का आयोजन करते हैं।

पापांकुशा एकादशी पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन व्रति करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का संचार होता है। यह एकादशी आत्मिक शुद्धता और भक्ति का प्रतीक है, जो भक्तों को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। श्रीहरि की कृपा सदा बनी रहे।

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