दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने आज यानी सोमवार से 1 जनवरी तक पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया गया है। यह कदम प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने और नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
दिल्ली में हर साल दिवाली के समय पटाखों के जलने से वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आती है। इस साल भी, प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखने को मिली है, जिससे सांस लेने में कठिनाई, एलर्जी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। विशेष रूप से सर्दियों में, हवा में धुंध और प्रदूषण के स्तर में तेजी से वृद्धि होती है, जिससे लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि यह निर्णय नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया है। सरकार ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस प्रतिबंध का पालन करें और पर्यावरण की सुरक्षा में योगदान दें। इसके साथ ही, सरकार ने यह भी कहा है कि पटाखों के उत्पादन और बिक्री में संलग्न कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी यदि वे इस आदेश का उल्लंघन करते हैं।
इस प्रतिबंध का उद्देश्य न केवल वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है, बल्कि दिल्ली के निवासियों के स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखना है। सरकार ने विभिन्न संगठनों और स्कूलों को भी इस मामले में जागरूकता फैलाने के लिए कहा है ताकि लोग समझ सकें कि पटाखों का उपयोग कैसे उनके और उनके परिवारों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
इस निर्णय का समर्थन करने के लिए, कई नागरिक समूह और पर्यावरण संरक्षण संगठन भी सामने आए हैं। उन्होंने सरकार के इस कदम को स्वागत योग्य बताया है और उम्मीद जताई है कि इससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।