माघ मास की कृष्ण जन्माष्टमी, जो कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है, इस साल 2025 में 21 जनवरी को पड़ेगी। यह दिन श्री कृष्ण के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है, और विशेष रूप से व्रत और उपवास रखने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के अवतार को लेकर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे व्यक्ति की हर इच्छा पूरी होने का विश्वास होता है। तो मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन जरूर पढ़ें ये व्रत कथा।
व्रत कथा का महत्व
माघ मास की कृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन विशेष रूप से श्री कृष्ण की पूजा करने से सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से पापों का क्षय होता है और जीवन में सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं।
कथा के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने गोकुल में जन्म लिया था और उन्होंने नंदलाल के रूप में अपने भक्तों की रक्षा की। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और उसे भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
व्रत कथा का सार
व्रत कथा में बताया गया है कि एक बार द्वारका में भगवान श्री कृष्ण ने एक ब्राह्मणी से पूछा कि वह क्या चाहती है। ब्राह्मणी ने भगवान से कहा कि वह किसी भी प्रकार के भोग का लालच नहीं रखती, बस वह यह चाहती है कि भगवान उसकी रक्षा करें और उसके परिवार को सुखी रखें। श्री कृष्ण ने उसकी प्रार्थना स्वीकार की और उसे यह वचन दिया कि वह उसकी हर इच्छा पूरी करेंगे। इसके बाद वह ब्राह्मणी ने माघ मास की कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा और भगवान श्री कृष्ण का ध्यान किया। उसके जीवन में खुशियां आईं और उसका परिवार समृद्ध हो गया।
कैसे करें व्रत
माघ मास की कृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत करने के लिए सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर व्रत के विधि के अनुसार भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें और रातभर जागकर उनकी कथा और भजन गायें। विशेष रूप से 'गोविंद हरे मुरारी' का जाप करने से विशेष लाभ होता है। साथ ही इस दिन सत्य, अहिंसा और संयम का पालन करना चाहिए।