रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा सबसे पहले तो मैं आप सभी को, इस बात के लिए बधाई देता हूं, कि आपने बीते वर्ष को, Year of Naval Civilian के तौरपर मनाया। यह अपने आप में एक unique initiative था, जिसके लिए Indian Navy तारीफ के काबिल है।
Navy के अनेक महत्त्वपूर्ण organizations, जैसे Command Headquarters, Dockyards, Material Organisations, Naval Armament Depots, Training Establishments आदि में हमारे Civilians ही हैं, जो Navy के मज़बूत infrastructure की नींव रखते हैं। हमें समुद्र में अत्याधुनिक vessels दिखती हैं, Aircraft carrier दिखते हैं। ये सारी चीज़ें visible हैं, हमें सामने दिख जाती हैं। लेकिन जो हम नहीं देख पाते, वो है हमारे अनगिनत Engineers और workers की मेहनत। ये लोग हमेशा पर्दे के पीछे रहकर काम करते हैं, लेकिन यही लोग हैं, जिन्होंने हमारी Armed forces को हमेशा ताकत प्रदान की है।
हमारी सेनाएं आज, बड़े mandate, और एक complex structure के साथ आगे बढ़ रही हैं। इसमें हमारे civilian साथी, हमारी सेनाओं को administrative और technical support देते हैं। Indian Navy, आज अगर Innovation के क्षेत्र में इतना आगे बढ़ रही है, तो उसके लिए Research and development का काम, सभी मिल-जुलकर कर रहे हैं। इसी प्रकार अनेक काम होते हैं, जिसमें आपकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है।
आप चाहे वर्दी में हों या वर्दी के बिना हों, इसमें कोई बहुत बड़ा अंतर नहीं है। क्योंकि इस प्रकार के values सबके अंदर होने जरूरी है। इसलिए राष्ट्रसेवा के बड़े परिप्रेक्ष्य में हम देखें, तो मुझे लगताहै कि हर responsible Civillian, बिना वर्दी वाला एक सैनिक, और हर सैनिक, एक वर्दीधारी Civillian होता है।
समय के साथ-साथ हमारी सेनाओं की complexities बढ़ती जा रही हैं। पर ऐसा क्यों हो रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि दुनिया भर में रक्षा-सुरक्षा का माहौल लगातार तनावपूर्ण होता जा रहा है। अभी जिस दशक में हम हैं, इस पूरे decade का यदि हम, Defence and security perspective से आकलन करें, तो लगभग आधा दशक बीत जाने के बाद, हम ये कह सकते हैं, कि यह एक प्रकार से Volatile Decade रहा है। पूरी दुनिया में अलग-अलग क्षेत्रों में, हमें कई सारे conflicts, और wars देखने को मिल रहे हैं।
हमें अपनी Critical Capability को बढ़ाना होगा, और आने वाले समय में अपने Offensive और Defensive, दोनों ही responses को मजबूत करने की ओर ध्यान देनाहोगा। जब मैं इन चीजों की बात कर रहा हूं, तो मुझे लगता हैकि इन सबमें Planning का बहुत महत्व है। और इस Planning process में एक consultative approach भी होनाचाहिए, जिसमें हम सभी stakeholders से सलाह मशविराकरें। मैं समझता हूं, कि इस Planning process में, हमारे Naval civilians का बड़ा important role होता है।
भारत को अधिकांश लोग उसकी विशाल land boundaries के कारण एक subcontinent के रूप में जानते हैं मगर यदि हम थोड़ा ध्यान से देखें, तो भारत एक Island Nation के रूप में भी कम महत्वपूर्ण नहीं है।
भारत की economic prosperity इस देश की maritime security से जुड़ी हुई है। इसके लिए ये जरूरी है कि हमारे territorial Waters को protect किया जाए, Freedom of Navigation को Ensure किया जाए, और हमारे Sea Routes जो कि हमारे maritime highways हैं, इन्हें सुरक्षित रखा जाये।
हाल के वर्षों में अमरीकी और अन्य यूरोपीय naval powers द्वारा अपनी presence IOR इलाक़े में घटाई है जबकि Indian Navy ने बढ़ाई है, मगर इसके बावजूद Gulf of Aden (अदन की खाड़ी), Red Sea (लाल सागर) और ईस्ट अफ़्रीकी देशों से सटे समुद्री इलाक़ों में ख़तरे बढ़ने का अंदेशा बना हुआ है। इसको देखते हुए भारतीय नौसेना अपनी presence को और अधिक बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।
Maritime Security के लिए अब Cyber Security भी बड़ा ही महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। जिस तेजी से साइबर हमलों में वृद्धि हो रही है, उसे देखते हुए इनकी अनदेखी करना घातक सिद्ध हो सकता है। मैं मानता हूँ सेनाओं में साइबर सिक्योरिटी को लेकर एक विशेष जागरूकता अभियान चलाने की ज़रूरत है।
अभी दो दिन पहले ही, प्रधानमंत्री narendramodi ने, एक साथ, तीन युद्धपोतों को, राष्ट्र को समर्पित किया है। ये तीनों ही platforms world class हैं, जिन्हें हमारे ही देश में, मझगांव डॉक लिमिटेड के द्वारा निर्मित किया गया है। मैं समझता हूं, कि इतनी बड़ी सफलता, भारतीय नौसेना और मझगांव डॉक लिमिटेड समेत, सभी stakeholders के सहयोग के साथ ही, संभव हो सकी है। यह सहयोग, और सफलता, सिर्फ भारतीय नौसेना की ही, नहीं बल्कि भारत के सशक्तिकरण की दिशा में भी, एक बड़ी उपलब्धि है।
जब मैं Navy Civilians के, जिम्मेदारियों की बातकर रहा हूँ, तो मैं यहाँ पर अपनी और सरकार कीजिम्मेदारियां, कतई नहीं भूल रहा हूँ। हमारी सरकार का हमेशा यह प्रयास रहता है, कि हम राष्ट्र की सेवा करने वाले, प्रत्येकव्यक्ति के योगदान को recognize करें। No one should be left Behind, इस विचार के साथ माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में, हमारी सरकार ने काम किया है
एक सरकार के रूप में हमारा लक्ष्य, हमेशा Whole of the Government approach का है। आमतौर पर ऐसा समझा जाता है, कि इस approach के अंतर्गत, हम यह चाहतेहैं, कि हर department, दूसरे department की सहायता करे, और एक सही collaboration के साथ, हम राष्ट्र निर्माण की ओर आगे बढ़े। लेकिन मैं समझता हूं, कि यह इसका एक ही पहलू हैI इसे सिर्फ department, या organization के स्तर पर जोड़कर, नहीं समझा जाना चाहिए
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने 2047 तक विकसित राष् ट्रबनने का लक्ष्य रखा गया है। स्वाभाविक सी बात है, इस लक्ष्य कोपाने में अभी कई सारी चुनौतियां हमारे सामने हैं। लेकिन हमें डटकर उन चुनौतियों का सामना करना है। चाहे वह Technology के front पर हों, या फिर Warfare के front पर, आने वाले समय में कई नए Challenges हमारे सामने आएँगे।
यह जरूरी हो जाता है, कि जो हमारे civilians भाई-बहन हैं, वो बदलती परिस्थितियों के अनुसार खुद को तैयार रखें। जैसे-जैसे Technology में परिवर्तन देखने को मिल रहा है, वैसे-वैसे उनकी Skill भी Upgrade होनी चाहिए।मुझे यह जान कर बड़ी खुशी हुई, कि भारतीय नौसेना ने अपने Naval civilians के, Skill Development को लेकर भी, कई सारी Schemes चलाई हैं।
मैं नौसेना के सभी civilians को उनकी सेवा, समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद देता हूँ। आपने न केवल नौसेना को मज़बूत बनाया है, बल्कि भारत की भी Security और Prosperity को, सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मैं आप सब को, आपकी selfless services के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूँ।