भारतीय नौसेना का स्वदेशी डिज़ाइन और निर्मित गाइडेड मिसाइल विध्वंसक INS मुंबई, चौथे संस्करण में 'ला पेरूज़' बहुराष्ट्रीय अभ्यास में भाग ले रहा है। इस अभ्यास में विभिन्न देशों की नौसेनाओं के कर्मी और समुद्री संपत्तियां शामिल हो रही हैं, जिनमें रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नेवी, फ्रांसीसी नौसेना, रॉयल नेवी, संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना, इंडोनेशियाई नौसेना, रॉयल मलेशियाई नौसेना, सिंगापुर गणराज्य की नौसेना और रॉयल कनाडाई नौसेना शामिल हैं।
अभ्यास का उद्देश्य
यह अभ्यास समुद्री सुरक्षा, निगरानी, और हवाई संचालन में सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ समुद्री इंटरडिक्शन ऑपरेशंस (Maritime Interdiction Operations) और प्रगति करती ट्रेनिंग एवं जानकारी साझा करने के लिए आयोजित किया जाता है। यह अभ्यास समान विचारधारा वाली नौसेनाओं को मिलकर योजना बनाने, समन्वय बढ़ाने और जानकारी साझा करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे सामरिक इंटरऑपरेबिलिटी में वृद्धि होती है। इसमें सतह युद्ध, वायु रक्षा, एंटी-एयर वारफेयर, क्रॉस डेक लैंडिंग्स और टैक्टिकल मैनूवर्स जैसे जटिल और उन्नत बहु-क्षेत्रीय अभ्यास होंगे। इसके अलावा, VBSS (Visit, Board, Search and Seizure) जैसे कांसटैबलरी मिशन भी शामिल होंगे।
भारतीय नौसेना की भागीदारी का महत्व
भारतीय नौसेना की इस अभ्यास में भागीदारी नौसेनाओं के बीच उच्च स्तर की सहयोग, समन्वय और इंटरऑपरेबिलिटी को प्रदर्शित करती है, साथ ही समुद्री क्षेत्र में नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करती है।
भारत का SAGAR विजन
यह दौरा भारत के 'SAGAR' (Security and Growth for All in the Region) विजन के अनुरूप है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुरक्षित और सुरक्षित बनाने के लिए समुद्री सहयोग और सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से है।