महाकुंभ मेला 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ हो चुका है और हर दिन लाखों श्रद्धालु इसके पवित्र स्नान में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं। यह महाकुंभ विशेष रूप से ऐतिहासिक है क्योंकि यह 144 वर्षों के बाद आयोजित हो रहा है। कुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपरा का अहम हिस्सा है, जिसमें श्रद्धालु गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम स्थल पर आकर अपने पापों का नाश करने और पुण्य प्राप्त करने के लिए स्नान करते हैं। इस बार महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हो रहा है, जो विश्वभर के तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है।
मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में लाखों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होंगे और यहां के पवित्र संगम में स्नान करके अपनी आत्मा की शुद्धि करेंगे। यह दिन विशेष रूप से पूजा-अर्चना, साधना और मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन का धार्मिक महत्व भी बहुत बढ़ जाता है क्योंकि इसे हिंदू धर्म में विशेष रूप से पवित्र और फलदायी माना जाता है।
महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व होता है। शाही स्नान उन तिथियों पर होते हैं जिनमें लाखों लोग एक साथ स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं। इस बार महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दिन होगा। मौनी अमावस्या, जिसे माघी और माघ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन श्रद्धालु मौन व्रत रखते हैं और गहरे आध्यात्मिक ध्यान में लीन रहते हैं।
कब है महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान?
महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी को है और इस दिन का शाही स्नान बहुत ही खास माना जा रहा है। क्योंकि, इस दिन कई सारे दुर्लभ संयोग बनने जा रहे हैं। दरअसल, इस दिन चंद्रमा, सूर्य और बुध मकर राशि में त्रिवेणी संयोग बनाएंगे।
शाही स्नान का मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 29 जनवरी को सुबह 5 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 18 मिनट तक
प्रातः सन्ध्या- 29 जनवरी को सुबह 5 बजकर 51 मिनट से 7 बजकर 11 मिनट तक
कब है मौनी अमावस्या?
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या तिथि 28 जनवरी को शाम 7 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 29 जनवरी को शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा।Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या पर होगा तीसरा शाही स्नान, जानें तिथि और मुहूर्त की जानकारी