प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला 2025 में आज यानी गुरुवार को त्रिवेणी संगम पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। आज 23.22 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। बताया जा रहा है कि अब तक महाकुंभ के विभिन्न स्नान पर्वों पर कुल 9.73 करोड़ से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ मेला धार्मिक आस्था का केंद्र बन चुका है, जहां देश-विदेश से लाखों लोग अपने पाप धोने और मोक्ष की प्राप्ति के लिए हर वर्ष आते हैं।
आज के दिन विशेष रूप से अमृत स्नान का महत्व था, जिसमें श्रद्धालु पवित्र गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर अपने जीवन के पुण्य और आशीर्वाद की कामना करते हैं। इस मौके पर प्रयागराज की तटरेखा पर एक अद्भुत दृश्य था, जहां दूर-दूर तक श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही थी।
महाकुंभ के इस पर्व को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। प्रयागराज में तैनात सुरक्षा बलों और चिकित्सा टीमों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष इंतजाम किए हैं, जैसे जल पुलिस, ट्रैफिक व्यवस्था, तैराक दल, और हेल्प डेस्क। इसके अलावा, संगम तट पर श्रद्धालुओं के लिए आवास और स्वच्छता के भी बड़े प्रयास किए गए हैं ताकि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा का सामना न करना पड़े।
महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक है। यह मेला केवल धार्मिक महत्व ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां पर अलग-अलग क्षेत्रों के लोग एक साथ मिलकर आस्था की डुबकी लगाते हैं, जिससे समाज में भाईचारे और एकता का संदेश भी जाता है। मेला स्थल पर आयोजनों, सत्संगों, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, जो लोगों के मनोबल को बढ़ाते हैं।
महाकुंभ के इस महत्वपूर्ण अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के बाद पुण्य के भागीदार बनते हैं और जीवन के नव अध्याय की शुरुआत करते हैं। इस विशाल धार्मिक समागम में हर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है, और यह मेला दुनिया भर में अपनी भव्यता और आस्थाओं के कारण प्रसिद्ध हो गया है।