केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को 76वें गणतंत्र दिवस परेड 2025 में "जनजातीय गौरव वर्ष" के आधार पर प्रस्तुत अपनी प्रेरणादायक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध झांकी के लिए सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार मिला है। यह झांकी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष को समर्पित थी, और इसने जनजातीय समुदायों और प्रकृति के बीच गहरे संबंध को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य साल के वृक्ष का चित्रण किया। इस झांकी का केंद्रीय विषय "जल, जंगल, जमीन" था, जो भारत के जनजातीय धरोहर की शाश्वत बुद्धिमत्ता और स्वतंत्रता संग्राम तथा राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को प्रदर्शित करता है।
झारखंड के नृत्य और छत्तीसगढ़ के नगाड़े की धुन ने बांध लिया ध्यान
झारखंड का पैका नृत्य और छत्तीसगढ़ के नगाड़े की लयबद्ध धुन ने दर्शकों का मन मोह लिया, और इसने 'आत्मनिर्भर भारत' और 'श्रेष्ठ भारत' के उद्घोष को जीवंत किया। यह प्रस्तुति भारतीय जनजातीय संस्कृति की गहरी जड़ों को भी दर्शाती है।
केंद्रीय मंत्री जुआल ओराम ने जताया आभार
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुआल ओराम ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर आभार व्यक्त करते हुए कहा, "यह सम्मान भगवान बिरसा मुंडा की धरोहर और भारत के जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक विरासत को समर्पित है। मंत्रालय जनजातीय समुदायों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए पीएम-जनमन, धरती आबा अभियान और एकलव्य विद्यालय जैसे पहलों के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पुरस्कार हमारे विकसीत भारत के दृष्टिकोण को सुदृढ़ करता है, जहां हर जनजातीय आवाज को सुना और मनाया जाता है।"
राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने बताया पुरस्कार का महत्व
जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने पुरस्कार के महत्व पर बात करते हुए कहा, "यह पुरस्कार हमारे जनजातीय समुदायों के राष्ट्र निर्माण में योगदान की अनमोल कद्र करता है। उनकी धरोहर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी और हम उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
सचिव विभु नायर ने टीम की सराहना की
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव विभु नायर ने मंत्रालय की टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, "सर्वश्रेष्ठ झांकी पुरस्कार जीतना मंत्रालय के लिए गर्व का क्षण है। इस झांकी ने जनजातीय गौरव वर्ष की सार्थकता को प्रभावशाली ढंग से दर्शाया, जो हमारे जनजातीय समुदायों की दृढ़ता और योगदान को उजागर करता है। यह सम्मान हमारे जनजातीय कला, संस्कृति और धरोहर को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर संरक्षित और बढ़ावा देने के हमारे संकल्प को और मजबूत करता है।"
भारतवासियों का आभार और धन्यवाद
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने भारतवासियों के भारी समर्थन और उत्साह के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया। यह सम्मान उन सभी जनजातीय समुदायों का है, जिनकी कहानियां, संघर्ष और विजय आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।