दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का ऐलान किया है। दिल्ली के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पार्टी भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी और जो भी लोग घोटालों में शामिल पाए जाएंगे, उन्हें कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जाएगा।
नई दिल्ली सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया कि भ्रष्टाचार के मामलों की गहनता से जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा। इस निर्णय के बाद, सीएजी (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी, जिसमें इन घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। वीरेंद्र सचदेवा ने इस रिपोर्ट के आधार पर एसआईटी गठित करने की बात कही और बताया कि इसका उद्देश्य उन सभी मामलों की सख्ती से जांच करना है, जिनमें भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सख्त नीति को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने यह उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हमेशा से भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम उठाती रही है, और अब दिल्ली में भी इस नीति का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। सचदेवा ने कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई समझौता नहीं करेगी और वह उन व्यक्तियों को सजा दिलवाएगी जो सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करते हैं या घोटालों में शामिल होते हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ बीजेपी की यह सख्त नीति दिल्ली की जनता के लिए एक बड़ा संदेश है। पार्टी का कहना है कि यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि सरकार में पारदर्शिता और जवाबदेही कायम रहे, और जिन लोगों ने सार्वजनिक पद का दुरुपयोग किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।