दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की शानदार जीत के बाद अब दिल्ली नगर निगम (MCD) के आगामी मेयर चुनाव पर सभी की निगाहें हैं। इस चुनाव में दिलचस्प और महत्वपूर्ण मुकाबला देखने को मिलेगा, क्योंकि मेयर का चुनाव 250 निर्वाचित पार्षदों के अलावा 10 सांसद (7 लोकसभा और 3 राज्यसभा) और 14 नामित विधायकों के वोट से होगा। इसके मुताबिक, 138 वोट प्राप्त करने वाला उम्मीदवार मेयर बनेगा।
MCD में AAP की स्थिति
वर्तमान में AAP के पास एमसीडी में 119 पार्षद हैं, जबकि बीजेपी के पास 113 और कांग्रेस के पास सिर्फ 7 पार्षद हैं। विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी और AAP के 11 पार्षद विधायक बन गए हैं, जिससे एमसीडी में कुल पार्षदों की संख्या घटकर 239 हो गई है।
कांग्रेस की भूमिका और रणनीति
कांग्रेस इस चुनाव में अहम भूमिका निभा सकती है। पिछली बार कांग्रेस ने मतदान से बहिष्कार किया था, जिसके कारण AAP और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला था। अगर इस बार कांग्रेस मतदान से बचती है, तो AAP को फायदा हो सकता है, लेकिन अगर कांग्रेस बीजेपी का समर्थन करती है, तो चुनावी समीकरण में बड़ा बदलाव हो सकता है।
BJP की रणनीति और संभावनाएँ
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है और अब MCD में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश में है। हालांकि, AAP के पास निगम में बहुमत है, इसलिये बीजेपी के लिए रास्ता आसान नहीं होगा। बीजेपी की रणनीति उपचुनावों में अधिक सीटें जीतने और निर्दलीय पार्षदों को अपने पक्ष में लाने की हो सकती है।
मेयर चुनाव के परिणाम का असर
दिल्ली MCD के मेयर चुनाव का परिणाम राजधानी की राजनीति की दिशा तय कर सकता है। अगर AAP मेयर की कुर्सी पर काबिज होती है, तो यह पार्टी के लिए निगम में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर होगा। वहीं, बीजेपी की जीत उसे विधानसभा चुनाव में फायदा दिला सकती है। कुल मिलाकर, यह चुनाव दिल्ली की राजनीतिक संतुलन को नया मोड़ दे सकता है।