कालाष्टमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला व्रत है, जो प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है। वर्ष 2025 में कालाष्टमी 20 फरवरी को मनाई जाएगी। तो जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
शुभ मुहूर्त
इस महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 फरवरी को सुबह 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी। वहीं ये तिथि 21 फरवरी को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में 20 फरवरी को कालाष्टमी रहेगी। इसी दिन कालाष्टमी का व्रत और भगवान काल भैरव का पूजा-उपासना की जाएगी।
पूजा विधि
स्नान और व्रत का संकल्प: प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। व्रत का संकल्प लें।
पूजा स्थल की तैयारी: स्वच्छ स्थान पर भगवान काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
पंचामृत से अभिषेक: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी) और गंगाजल से भगवान का अभिषेक करें।
स्मरण और मंत्र जाप: भगवान काल भैरव के मंत्रों का जाप करें, जैसे:
"ॐ कालभैरवाय नमः"
"ॐ भयहरणं च भैरव:"
"ॐ भ्रं कालभैरवाय फट्"
भोग अर्पण: भगवान को फल, मिठाई और घर पर बने मिष्ठान का भोग अर्पित करें।
दीपक और धूप: सरसों के तेल का दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
आरती और प्रसाद वितरण: आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
पूजा नियम
मांसाहार, मदिरा और नशीले पदार्थों से परहेज करें।
काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
गरीबों को दान दें।
किसी से विवाद न करें और नकारात्मक विचारों से बचें।