फुलेरा दूज, जिसे फुलैरा दूज भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, फुलेरा दूज 1 मार्च 2025 को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है और होली की तैयारियों की शुरुआत का संकेत है। तो जानिए पूजा विधि और महत्व।
फुलेरा दूज की पूजा विधि
प्रातःकाल उठकर स्नान करें: फुलेरा दूज के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
राधा-कृष्ण की पूजा: घर के पूजा स्थल या राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर जल से राधा-कृष्ण का अभिषेक करें। फिर चौकी पर राधा-कृष्ण जी की मूर्ति स्थापित करें और उन पर पुष्पों की वर्षा करें। दीप जलाएं और राधा-कृष्ण के मंत्रों का जप करें। नैवेद्य, धूप, फल, और अक्षत आदि अर्पित करें। माखन, मिश्री, और खीर का भोग भी लगा सकते हैं।
फूलों से होली खेलें: राधा रानी और कृष्ण जी के साथ फूलों से होली खेलें। यह परंपरा विशेष रूप से वृंदावन, बरसाना और मथुरा में धूमधाम से मनाई जाती है।
फुलेरा दूज का महत्व
फुलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन बिना मुहूर्त देखे विवाह, गृह प्रवेश, वाहन खरीदने जैसे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। यह दिन विशेष रूप से विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
फुलेरा दूज पर करें ये उपाय
मनचाहा व्यक्ति के साथ विवाह के लिए: राधा-कृष्ण की पूजा के बाद एक साफ कागज पर केसर से अपने साथी का नाम लिखें और इसे राधा-रानी के चरणों में रख दें।
खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए: यदि वैवाहिक जीवन में समस्याएं हैं, तो फुलेरा दूज पर राधा-कृष्ण की पूजा करें और माखन-मिश्री का भोग अर्पित करें।