तेलंगाना एंडोमेंट्स ट्रिब्यूनल ने भाग्यनगर (हैदराबाद) के चारमीनार स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर का प्रबंधन एंडोमेंट्स विभाग के अधीन करने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने ट्रिब्यूनल के फैसले पर रोक लगा दी है।
तेलंगाना बंदोबस्ती न्यायाधिकरण का यह फैसला महंत मनोहर दास और महंत रामचंद्र दास परिवारों के बीच चल रहे विवाद के बाद लिया गया था। ट्रिब्यूनल ने 21 फरवरी 2025 को अपना अंतिम आदेश सुनाया था। ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ अपील की गई और अब सभी आगे की कार्यवाही पर स्थगन आदेश जारी कर दिया गया है।
कानूनी लड़ाई और SC का आदेश
मंदिर के प्रबंधन को लेकर कई बार सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय में अपील की गई, लेकिन दोनों ने मामले को आगे बढ़ाने का आदेश दिया गया। यह आदेश तेलंगाना चैरिटेबल और हिंदू धार्मिक संस्थाओं और एंडोमेंट्स अधिनियम, 1987 के तहत दिया गया था।
एंडोमेंट्स विभाग से जल्द मिलेगा फैसला
एंडोमेंट्स विभाग के अधिकारी ने बताया कि ट्रिब्यूनल का फैसला संबंधित पक्षों को जल्दी सौंपा जाएगा। इसके साथ ही मंदिर को अन्य प्रमुख मंदिरों की तरह कार्यकारी आदेश मिलेगा। इसके बाद ही शुक्रवार को हाईकोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी है, इसके लिए HC में शशि कला नाम के व्यक्ति ने याचिका डाली थी।
विवाद की शुरुआत
मंदिर के प्रबंधन लेकर विवाद सन् 2000 के दशक की शुरुआत में महंत रामचंद्र दास और महंत मनोहर दास परिवारों के बीच शुरू हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर की आय पर पारिवारिक अधिकार स्थापित किया था, जिसके बाद विवाद बढ़ा।