नई दिल्ली में आज सोमवार को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए मुख्य कृषि फसलों (केवल खरीफ एवं रबी) के उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान जारी कर दिए गए हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य कृषि फसलों के आंकड़ों को मंजूरी देते और जारी करते हुए बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर काम किया जा रहा है और कृषि मंत्रालय द्वारा अनेक योजनाओं के माध्यम से किसानों को सहायता एवं प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप कृषि फसलों का उत्पादन भी रिकार्ड स्तर पर बढ़ रहा है।
राज्यों से प्राप्त फसलों के क्षेत्रफल को रिमोट सेंसिंग, साप्ताहिक फसल मौसम निगरानी समूह और अन्य एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के साथ सत्यापित किया गया है। इसके अलावा, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने उद्योग और अन्य सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों के साथ खरीफ एवं रबी मौसम के लिए उनकी राय, विचार और भावनाएँ प्राप्त करने हेतु हितधारक परामर्श करने की पहल की है। अनुमानों को अंतिम रूप देते समय इन पर भी विचार किया गया है। इसके अलावा, उपज अनुमान फसल कटाई प्रयोगों (सीसीई), पिछले प्रवृत्तियों और अन्य सहयोगी कारकों पर आधारित हैं।
विभिन्न फसलों (खरीफ एवं रबी) के उत्पादन का विवरण निम्नानुसार दिया गया है:
• खरीफ खाद्यान्न- 1663.91 लाख मीट्रिक टन / रबी खाद्यान्न (ज़ायद मौसम शामिल नहीं)- 1645.27 लाख मीट्रिक टन
• खरीफ चावल – 1206.79 लाख मीट्रिक टन (रिकार्ड); रबी चावल (ज़ायद मौसम शामिल नहीं) – 157.58 लाख मीट्रिक टन
• गेहूं- 1154.30 लाख मीट्रिक टन (रिकार्ड)
• खरीफ मक्का – 248.11 लाख मीट्रिक टन (रिकार्ड); रबी मक्का (ज़ायद मौसम शामिल नहीं) – 124.38 लाख मीट्रिक टन
• खरीफ श्री अन्न- 137.52 लाख मीट्रिक टन ; रबी श्री अन्न (ज़ायद मौसम शामिल नहीं) - 30.81 लाख मीट्रिक टन
• तूर – 35.11 लाख मीट्रिक टन
• चना – 115.35 लाख मीट्रिक टन
• मसूर – 18.17 लाख मीट्रिक टन
• खरीफ तिलहन – 276.38 लाख मीट्रिक टन / रबी तिलहन (ज़ायद मौसम शामिल नहीं) – 140.31 लाख मीट्रिक टन
• खरीफ मूंगफली – 104.26 लाख मीट्रिक टन (रिकार्ड); रबी मूंगफली (ज़ायद मौसम शामिल नहीं) – 8.87 लाख मीट्रिक टन
• सोयाबीन – 151.32 लाख मीट्रिक टन (रिकार्ड)
• रेपसीड और सरसों – 128.73 लाख मीट्रिक टन
• गन्ना- 4350.79 लाख मीट्रिक टन
• कपास – 294.25 लाख गांठें (प्रत्येक गांठ 170 किलोग्राम)
• जूट – 83.08 लाख गांठें (प्रत्येक गांठ 180 किलोग्राम)
खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 1663.91 लाख मीट्रिक टन और रबी खाद्यान्न उत्पादन 1645.27 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है।
खरीफ चावल का उत्पादन 1206.79 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है जो 2023-24 के 1132.59 लाख मीट्रिक टन की तुलना में, 74.20 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि दर्शाता है। रबी चावल का उत्पादन 157.58 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है। गेहूं का उत्पादन 1154.30 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के 1132.92 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की तुलना में 21.38 लाख मीट्रिक टन अधिक है।
श्री अन्न (खरीफ) का उत्पादन 137.52 लाख मीट्रिक टन और श्री अन्न (रबी) का उत्पादन 30.81 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है। इसके अलावा, पोषक/मोटे अनाज (खरीफ) का उत्पादन 385.63 लाख मीट्रिक टन और पोषक/मोटे अनाज (रबी) का उत्पादन 174.65 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है।
तूर एवं चने का उत्पादन क्रमश: 35.11 लाख मीट्रिक टन एवं 115.35 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है एवं मसूर का उत्पादन 18.17 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है।
खरीफ एवं रबी मूंगफली का उत्पादन क्रमश: 104.26 लाख मीट्रिक टन एवं 8.87 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है। खरीफ मूंगफली का उत्पादन पिछले वर्ष के 86.60 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की तुलना में 17.66 लाख मीट्रिक टन अधिक है। सोयाबीन का उत्पादन 151.32 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है जो पिछले वर्ष के 130.62 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की तुलना में 20.70 लाख मीट्रिक टन अधिक है एवं रेपसीड और सरसों का उत्पादन 128.73 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है। कपास का उत्पादन 294.25 लाख गांठे (प्रत्येक गांठ 170 किलोग्राम) और गन्ने का उत्पादन 4350.79 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है।
खरीफ फसलों के उत्पादन अनुमान तैयार करते समय फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) आधारित उपज पर विचार किया गया है। इसके अलावा, कुछ फसलों जैसे तूर, गन्ना, अरंडी आदि की सीसीई अभी जारी है। रबी फसलों का उत्पादन औसत उपज पर आधारित है, अत: सीसीई के आधार पर बेहतर उपज अनुमान प्राप्त होने पर ये आंकड़े क्रमिक अनुमानों में परिवर्तन के अधीन हैं। विभिन्न जायद फसलों का उत्पादन आगामी तीसरे अग्रिम अनुमान में शामिल किया जाएगा।
कृषि फसलों के उत्पादन के ये अनुमान मुख्यत: राज्यों से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार किये गये हैं। दूसरे अग्रिम अनुमान में केवल खरीफ एवं रबी मौसम शामिल होते हैं, ज़ायद मौसम को तीसरे अग्रिम अनुमान में शामिल किया जाएगा।