प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद आज (30 मार्च) नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने स्मृति मंदिर में संघ के संस्थापकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनके साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत जी भी मौजूद रहे।
स्मृति मंदिर में श्रद्धांजलि और संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने स्मृति मंदिर की विजिटर बुक में अपने विचार साझा किए। उन्होंने लिखा, "परम पूजनीय डॉ. हेडगेवार और पूज्य गुरूजी को शत्-शत् नमन। उनकी स्मृतियों को संजोने, इस स्मृति मंदिर में आकर अभिभूत हूँ। भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और संगठन के मूल्यों को समर्पित यह स्थली हमें राष्ट्र सेवा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।" इसके साथ ही उन्होंने संघ के योगदान की सराहना करते हुए लिखा कि यह स्थान लाखों स्वयंसेवकों के लिए ऊर्जा का स्रोत है और राष्ट्र सेवा में सभी को प्रेरित करता है।
फडणवीस और गडकरी भी रहे मौजूद
प्रधानमंत्री मोदी के नागपुर दौरे के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उनका स्वागत किया। ये दोनों नेता RSS मुख्यालय के दौरे के दौरान उनके साथ रहे। इसके अलावा, पीएम मोदी ने इस दौरान RSS के संस्थापक गुरु गोलवलकर जी की स्मृति में बनने वाले 'माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर' की आधारशिला भी रखी। यह एक आधुनिक सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल होगा, जो नेत्र संबंधी रोगों के इलाज के लिए समर्पित रहेगा।
आंबेडकर की दीक्षाभूमि पर भी जाएंगे PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के दौरान नागपुर की प्रसिद्ध दीक्षाभूमि का भी दौरा करेंगे। यह वही स्थान है जहां 1956 में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध मत की दीक्षा ली थी। यहां प्रधानमंत्री आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
इसके अलावा, वे सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड की एम्युनेशन फैसिलिटी का दौरा करेंगे और UAV (ड्रोन) विमानों के लिए बनाई गई 1250 मीटर लंबी और 25 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी का उद्घाटन करेंगे।
RSS मुख्यालय का दौरा करने वाले दूसरे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी RSS मुख्यालय का दौरा करने वाले दूसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं। उनसे पहले 27 अगस्त 2000 को अटल बिहारी वाजपेयी ने बतौर प्रधानमंत्री संघ मुख्यालय का दौरा किया था और संघ के संस्थापकों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
RSS विचारक आशुतोष अडोनी जी ने इस दौरे को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, "एक स्वयंसेवक देश का प्रधानमंत्री बना है और वह संघ मुख्यालय आ रहे हैं, यह अपने आप में ऐतिहासिक क्षण है।"
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा सिर्फ एक धार्मिक या संगठनात्मक यात्रा नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है। उनके इस दौरे के बाद संघ और भाजपा के संबंधों को लेकर नए समीकरण बनने की संभावना जताई जा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इसका आगामी लोकसभा चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ता है।