उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बड़ी सुरक्षा चूक टल गई, जब यूपी एटीएस ने एक खूंखार आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर दिया। 'अल मौत उल हिंद' नाम का यह कट्टरपंथी ग्रुप सिग्नल मोबाइल एप के ज़रिए भारत में दहशतगर्दी फैलाने की साजिश रच रहा था। ये आरोपित एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफार्मों के माध्यम से देशविरोधी सामग्री फैलाने और युवाओं को जिहादी बनाने के लिए उकसाने की कोशिश कर रहे थे। इस मामले में ATS ने रविवार (20 अप्रैल 2025) रात को FIR होने पर जाँच शुरू की थी।
ये लोग युवाओं को आत्मघाती हमलों के लिए मानसिक रूप से तैयार कर रहे थे और उन्हें जिहादी विचारधारा की ओर धकेलने का अजेंडा चला रहे थे। इस नेटवर्क में संभल (UP) और बिहार के कई संदिग्ध युवक शामिल पाए गए हैं। ATS ने इस पूरे मामले में छापेमारी तेज़ कर दी है।
जांच एजेंसियों के मुताबिक ये संदिग्ध Signal पर 'Al-Maut-ul-Hind', Instagram पर 'Green Birds', Discord पर 'Strangers' और WhatsApp जैसे माध्यमों के ज़रिए संगठित होकर सक्रिय थे। इन प्लेटफॉर्म्स पर भारत विरोधी और कट्टरपंथी कंटेंट शेयर किया जा रहा था। साथ ही, हिंदू संगठनों के नेताओं और भारत में मौजूद इजरायली संस्थानों को टारगेट करने की साजिश भी रची जा रही थी।
इस गंभीर मामले में FIR 17 अप्रैल 2025 को दर्ज की गई थी, जिसके बाद जांच को गहराई से आगे बढ़ाया गया। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों में दो यूपी के संभल जिले से हैं और एक बिहार के पटना से। ATS को शक है कि इस मॉड्यूल से जुड़े और भी चेहरे जल्द सामने आ सकते हैं, जिससे इस पूरे नेटवर्क की परतें खुलेंगी।
सिग्नल ऐप बना देशद्रोह की पाठशाला
मुरादाबाद यूनिट की पहल पर लखनऊ स्थित एटीएस मुख्यालय में एफआईआर दर्ज हुई। शुरुआती छानबीन में पता चला कि सिग्नल पर बने 'अल मौत उल हिंद' ग्रुप के ज़रिए देश विरोधी और आतंक फैलाने वाली साजिशों की स्क्रिप्ट तैयार हो रही थी। इस ग्रुप में युवाओं को जिहादी मानसिकता से भरने वाले वीडियो, कट्टरपंथी भाषण और हिंसा के प्रशिक्षण से जुड़ी सामग्री भेजी जा रही थी।
फिलिस्तीन कनेक्शन भी आया सामने
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस खतरनाक ग्रुप से भारत और फिलिस्तीन के 100 से ज्यादा युवक जुड़े हुए थे। यही नहीं, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म्स पर भी समान विचारधारा वाले समूह बनाए गए, जिनमें युवाओं को देश के खिलाफ भड़काया जा रहा था। मुस्लिमों के उत्पीड़न के नाम पर झूठी कहानियाँ परोसी गईं और भावनात्मक रूप से उन्हें हिंसा की ओर धकेला गया।
हिंदू नेताओं पर हमले की साजिश
पूछताछ में चौंकाने वाली बात सामने आई कि इन युवकों की साजिशों के निशाने पर हिंदू संगठनों के प्रमुख चेहरे थे। हालांकि, सुरक्षा कारणों से इन नेताओं के नाम फिलहाल गोपनीय रखे गए हैं। दो नाबालिगों को पूछताछ के बाद छोड़ा गया, लेकिन उनके मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं और सोशल मीडिया खातों की गहन जांच जारी है।
संभल से शुरू हुई निगरानी
संभल में हुई हालिया सांप्रदायिक झड़पों के बाद खुफिया एजेंसियां पहले से ही अलर्ट थीं। सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखते हुए एटीएस ने इस आतंकी गठजोड़ का पता लगाया। यूपी और बिहार में कई ठिकानों पर लगातार रेड डाली जा रही हैं। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही पूरे नेटवर्क की जड़ें उखाड़ने वाली कार्रवाई हो सकती है।