नागपुर दंगे के प्रमुख आरोपी फहीम शमीम खान पर अब देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की साइबर सेल द्वारा दर्ज की गई FIR में फहीम खान पर भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। यह FIR उन चार FIRs में से एक है जो नागपुर पुलिस के साइबर सेल ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट के चलते दायर की हैं। इस मामले में कुल 6 आरोपियों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें फहीम खान भी शामिल है।
BNS की धारा 152 का उल्लंघन
इस FIR में भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 152 भी लगाई गई है, जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्यों को अपराध मानती है। इस धारा के तहत, अलगाववाद, सशस्त्र विद्रोह या विध्वंसक गतिविधियों को उकसाने वाले कार्यों पर कार्रवाई की जाती है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्टों के जरिए ऐसा ही वातावरण बनाने की कोशिश की गई, जिसके कारण यह धाराएं लगाई गई हैं।
साइबर सेल सक्रिय
नागपुर हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट वायरल हुईं, जिनके लिए साइबर सेल सक्रिय हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ये पोस्ट बांग्लादेश से किए जा रहे हैं। पुलिस इन पोस्ट के स्रोत का पता लगाने और आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लगातार काम कर रही है।
अब तक 90 गिरफ्तारी, अस्पताल में इलाज जारी
नागपुर हिंसा में पुलिस ने अब तक 90 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, 6 आरोपियों को गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस दौरान, नागपुर के एक मुस्लिम इलाके में अफवाह फैल गई थी कि एक घायल आरोपी की मौत हो गई है। इसके बाद, आरोपी के परिजन पुलिस थाने पहुंचे और पुलिस ने उन्हें यह पुष्टि करने के लिए आरोपी से फोन पर बात कराई कि वह इलाज करा रहा है और सुरक्षित है।
औरंगजेब की कब्र पर विवाद, सुरक्षा बढ़ाई गई
नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के बाद, छत्रपति संभाजी नगर के खुल्दाबाद इलाके में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद उठा। इस विवाद के बाद, प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाते हुए कब्र के आसपास लोहे की चादरें लगाई हैं और लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए सुरक्षा दीवार का निर्माण किया है। साथ ही, शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
NIA और ATS की जांच शुरू
नागपुर हिंसा के बाद, अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी इस मामले में जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, एनआईए ने नागपुर पुलिस के साथ समांतर जांच शुरू की है। एटीएस भी इस मामले में अपनी जांच कर रही है। एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इस हिंसा का संबंध किसी देश विरोधी ताकतों से है या क्या इसमें किसी प्रतिबंधित संगठन का हाथ है।