उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में मुगल आक्रांता औरंगजेब का पुतला जलाना पुलिस को नागवार गुजरा है। पुतला दहन करने के आरोप में हिन्दू संगठन से जुड़े 4 सदस्यों को नामजद करते हुए FIR दर्ज की गई है। पुलिस द्वारा दर्ज इस FIR में 10 से 15 अन्य कार्यकर्ता अज्ञात के तौर पर दिखाए गए हैं जिनकी तलाश शुरू कर दी गई है। पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित करने वाले युवक को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया है। घटना मंगलवार (18 मार्च 2025) की है।
यह मामला कानपुर नगर पुलिस कमिश्नरेट के थानाक्षेत्र स्वरूप नगर का है। यहाँ बुधवार (19 मार्च 2025) को थाने में तैनात एक पुलिसकर्मी ने तहरीर दी है। तहरीर में बताया गया है कि 18 मार्च की शाम 5:30 के आसपास मोती झील क्षेत्र में पड़ने वाली छत्रपति शिवाजी महराज की प्रतिमा के आगे हिन्दू संगठन के कुछ सदस्य जमा हुए। इसमें कृष्णा तिवारी, सुमित, अनिल और आलोक मुख्य थे। इनके अलावा 10 से 15 अन्य हिन्दूवादी लोग भी जुट गए।
इन सभी ने औरंगजेब विवाद को ले कर नारेबाजी की। इसी दौरान औरंगज़ेब का पुतला भी जलाया गया। पुलिस के अनुसार जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू है। तहरीर में पुतला दहन कार्यक्रम के लिए पुलिस से कोई अनुमति न लिए जाने का भी आरोप लगाया गया है। बतौर पुलिस हिन्दू संगठन के सदस्यों की इस हरकत से जिले में शाँति भंग हो जाने का खतरा पैदा हो गया था। सुदर्शन न्यूज़ के पास FIR कॉपी मौजूद है।
शिकायत में पुतला दहन की वजह से थोड़ी देर सड़क पर जाम लगने जैसी बातें लिखी गईं है। इस तहरीर पर पुलिस ने कृष्णा तिवारी, सुमित, अलोक और अनिल को नामजद करते हुए 10-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 191 (2), 126 और 223 के तहत कार्रवाई की गई है। मुख्य आरोपित कृष्णा को जेल भेज दिया गया है। मामले में जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई जारी है।
वहीं गिरफ्तारी के बाद बजरंग दल ने कृष्णा तिवारी से पल्ला झाड़ लिया है। विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री गौरांग के अनुसार जेल भेजे गए कृष्णा तिवारी पिछले 6-7 माह से संगठन में किसी भी पद पर नहीं थे। बताते चलें कि 17 मार्च को महाराष्ट्र के नागपुर में मुस्लिम भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था। यह हमला औरंगज़ेब की कब्र पर चल रहे विवाद को ले कर हुआ था। इस हमले से पूरे देश में नाराजगी है। सोशल मीडिया से ले कर जमीनी स्तर पर चरमपंथी भीड़ द्वारा पुलिसकर्मियों के विरुद्ध की गई इस करतूत का विरोध हो रहा है।