भारतीय सेना ने एक बार फिर मानवता और आपदा राहत में अपनी तत्परता को साबित किया है। म्यांमार में प्राकृतिक आपदा के बाद ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत 50 (I) पैरा ब्रिगेड की एक विशेष बचाव टीम को त्वरित रूप से तैनात किया गया है। यह अभियान भारत की मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
रातों-रात बचाव दल की तैनाती
भारतीय सेना की 50 (I) पैरा ब्रिगेड से जुड़े 118 विशेष जवानों की टीम, जिसमें चिकित्सा और संचार इकाइयाँ भी शामिल हैं, 29 मार्च 2025 को रात 11:30 बजे (म्यांमार समय) नाय पी तॉव अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। इस ऑपरेशन का नेतृत्व 50 (I) पैरा ब्रिगेड के कमांडर द्वारा किया जा रहा है।
वहाँ पहुंचने पर, टीम का स्वागत म्यांमार में भारत के राजदूत, रक्षा अटैची (DA) और नौसेना अटैची (NA) द्वारा किया गया। आवश्यक सामग्री और उपकरणों की अनलोडिंग का कार्य रात 12:30 बजे तक पूरा कर लिया गया, जिसके बाद पूरी टीम को एयरपोर्ट से 45 मिनट की दूरी पर स्थित एक सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया।
मंडाले में राहत कार्यों का विस्तार
आज यानी 30 मार्च की सुबह 8:40 बजे (म्यांमार समय) भारतीय सेना की एक पहली टोही टीम को मंडाले भेजा गया, जिसमें एक अधिकारी और एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCO) शामिल थे। मंडाले, जो वर्तमान बेस से 160 मील उत्तर में स्थित है, को मुख्य अभियान क्षेत्र के रूप में चुना गया है। पूरे राहत दल को वहां भेजने की तैयारी की जा रही है। टीम सुबह 11:00 बजे मंडाले के लिए रवाना होगी।
हालांकि, हवाई मार्ग से दल की तैनाती प्राथमिक विकल्प बना हुआ है, लेकिन समानांतर रूप से सड़क मार्ग से भी राहत दल को वहां पहुँचाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि मंडाले में जल्द से जल्द एक ऑपरेशन थिएटर (OT) स्थापित किया जा सके।
भारत की क्षेत्रीय सहायता में एक और बड़ा कदम
ऑपरेशन ब्रह्मा यह साबित करता है कि भारत समय पर और प्रभावी मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय सेना की यह पहल न केवल आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने की क्षमता को दर्शाती है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को भी मजबूत करती है।