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यूथ 4 पनुन कश्मीर और पनुन कश्मीर ने मीरवाइज उमर फारूक की फर्जी पहल को किया खारिज, कश्मीरी पंडितों के बीच गद्दारों को दी चेतावनी

पनुन कश्मीर और यूथ 4 पनुन कश्मीर ने मीरवाइज उमर फारूक की शांति पहल को फर्जी और भ्रम फैलाने वाला करार दिया है। संगठनों ने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक नाटक है और कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके साथ ही उन्होंने आंतरिक गद्दारों को कड़ी चेतावनी दी।

Sudarshan News
  • Feb 6 2025 3:02PM
यूथ 4 पनुन कश्मीर (Y4PK) और पनुन कश्मीर ने मीरवाइज उमर फारूक द्वारा कश्मीरी पंडितों की वापसी को लेकर किए गए छलपूर्ण प्रयास को सख्ती से खारिज किया है और इसकी घोर निंदा की है। यह केवल कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को छिपाने और जनता की सोच को गुमराह करने का एक हताशा भरा प्रयास है, जबकि वह कट्टरपंथी अलगाववादी विचारधारा, जिसने हमें हमारे ही घरों से विस्थापित किया, आज भी बरकरार है। इससे पहले भी हम ऐसे दिखावटी मेल-मिलाप के प्रयास देख चुके हैं, जिनमें अल्ताफ बुखारी की अगुवाई में किया गया प्रयास भी शामिल है, जिसे कश्मीरी पंडित समुदाय ने पूरी तरह खारिज कर दिया था।

राहुल कौल, चेयरमैन, एपेक्स कमेटी, Y4PK, ने कहा,
"यह वही छलपूर्ण रणनीति है जिसे हमने अल्ताफ बुखारी के साथ देखा था। कश्मीरी पंडित समुदाय ने उस धोखे को पहचाना और उसे पूरी तरह से नकार दिया। आज, मीरवाइज और उसके अलगाववादी गुट उसी रणनीति के साथ नकली मेल-मिलाप का दिखावा कर रहे हैं, जबकि वे हमारे जातीय संहार (Ethnic Cleansing) में अपनी भूमिका स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं। हम इस झूठ को पूरी तरह से खारिज करते हैं। हमारे लिए एकमात्र स्वीकार्य वापसी पनुन कश्मीर के माध्यम से होगी—एक अलग, सुरक्षित और स्वशासित मातृभूमि, जो भारतीय संविधान के अंतर्गत हो।"

विठल चौधरी, अध्यक्ष, Y4PK, ने जोड़ा,
"ये कथित ‘संपर्क प्रयास’ सिर्फ एक दिखावटी प्रचार है, जिससे कश्मीरी पंडितों के खिलाफ किए गए अपराधों को छिपाया जा सके। जैसे हमने अल्ताफ बुखारी की राजनीतिक रूप से प्रेरित पहल को खारिज किया था, वैसे ही हम मीरवाइज के इस प्रयास को भी पूरी तरह अस्वीकार करते हैं। जमीनी हकीकत अब भी वही है—आतंकी नेटवर्क कश्मीर में सक्रिय हैं, लक्षित हत्याएं जारी हैं, और वह विचारधारा जो हमारे संहार का कारण बनी, अब भी जिंदा है। हम दोबारा बलिदान नहीं होने वाले।"

दिगंबर रैना, महासचिव, Y4PK, ने उन कश्मीरी पंडितों की कड़ी निंदा की जो इस कार्यक्रम में शामिल हुए,
"हमारे बीच गद्दार मौजूद हैं—वे कश्मीरी पंडित जो अलगाववादियों की मदद कर उनके एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। इन व्यक्तियों को निर्वासित समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है। जैसे समुदाय ने अल्ताफ बुखारी से जुड़े लोगों को ठुकरा दिया था, वैसे ही इन नए गद्दारों को भी बेनकाब किया जाएगा और बहिष्कृत किया जाएगा। हम उन्हें चेतावनी देते हैं—हमारे लोगों की भावनाओं से मत खेलो।"

अश्विनी भट, वरिष्ठ सदस्य, पनुन कश्मीर, ने कहा,
"यदि मीरवाइज वास्तव में ईमानदार है, तो उसे सबसे पहले कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को स्वीकार करना और उसके लिए माफी मांगनी चाहिए। उसे स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि जिन लोगों ने हिंदुओं की हत्या की, महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया और हमें हमारे घरों से निकाला, वे गलत थे। जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक उसके शब्दों का कोई मूल्य नहीं है। हमने यह छल पहले अल्ताफ बुखारी के साथ देखा था और अब फिर से देख रहे हैं—कश्मीरी पंडित इस धोखे का शिकार नहीं बनेंगे।"

राजेश काचरू, वरिष्ठ सदस्य, पनुन कश्मीर, ने चेतावनी दी,
"यह पहली बार नहीं है जब हमारे समुदाय को भ्रमित करने की कोशिश की गई है, और यह आखिरी बार भी नहीं होगा। हम अलगाववादियों और उनके कश्मीरी पंडित समर्थकों को आगाह कर रहे हैं—हमारा धैर्य समाप्त हो चुका है। हम इन गद्दारों को नाम सहित उजागर करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि इतिहास उन्हें एक गद्दार के रूप में याद रखे। हमें मीरवाइज की इजाजत की जरूरत नहीं है। हम अपनी शर्तों पर, अपनी गरिमा के साथ वापसी करेंगे।"

यूथ 4 पनुन कश्मीर और पनुन कश्मीर एक अंतिम चेतावनी जारी करते हैं—हम न तो अपने नरसंहार को छिपाने की अनुमति देंगे और न ही हमारे समुदाय के भीतर किसी भी तरह की गद्दारी को सहन करेंगे। हमारे समुदाय ने अतीत में ऐसे छलपूर्ण प्रयासों को अस्वीकार किया है और आगे भी करता रहेगा। एकमात्र स्वीकृत समाधान पनुन कश्मीर है।

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