महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा कल यानी सोमवार को तेज हवाओं के कारण ढह गई थी। इस प्रतिमा का अनावरण PM नरेंद्र मोदी ने पिछले ही साल 4 दिसंबर 2023 को किया था। प्रतिमा के क्षतिग्रस्त होने के बाद विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।
इस बीच भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने के मामले की जांच के आदेश दिया हैं। बात दें कि इस प्रतिमा का अनावरण पिछले वर्ष नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। सेना ने इस दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
नौसेना ने देर रात जारी एक बयान में इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है। और कहा कि इसको लेकर तुरंत जांच करने, जल्द से जल्द मूर्ति की मरम्मत और पुनर्स्थापना के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम गठित किया है। बता दें कि छत्रपति शिवाजी महाराज की इस प्रतिमा का निर्माण भारतीय नौसेना ने ही किया था। घटना के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे CM एकनाथ शिंदे ने संरचना के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि, "इस प्रतिमा को राज्य सरकार ने नहीं बल्कि भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने स्थापित की थी। छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आदर्श हैं, उनकी प्रतिमा हमारी पहचान है।"
प्रतिमा गिरने के बाद सिंधुदुर्ग पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ FIR दर्ज की है। पुलिस ने कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। सिंधुदुर्ग पुलिस ने कहा कि, "छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 109, 110, 125, 318 और 3(5) के तहत FIR दर्ज किया है।"