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मुहर्रम के दिन अकीदत के बजाय शक्ति प्रदर्शन... नारेबाजी के साथ खुलेआम पुलिस को दिखाई लहराती तलवारें

राजधानी दिल्ली के उत्तम नगर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है

Sumant Kashyap
  • Jul 17 2024 10:57AM

राजधानी दिल्ली के उत्तम नगर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, रात में मुहर्रम के नाम पर जिहादियों झुंड ने उत्पाद मचाया है. इस उत्पाद का वीडियो सुदर्शन न्यूज़ के पास है. जिसमें देखा जा रहा है कि उपद्रवी ने पुलिस के सामने खुलेआम तलवारें लहरा रहे है. इस साफ है कि मुहर्रम के दिन अकीदत के बजाय शक्ति प्रदर्शन कर रहे है. अब सवाल ये है कि विशेष समुदाय को कानून के खिलाफ कुछ भी करने की छूट है ??  

जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश का अमेठी है. मुहर्रम के जुलूस में खुलेआम नारे लग रहे हैं कि हिन्दुस्थान मे  रहना है तो या हुसैन कहना है. बता दें कि ये खुली चुनौती है भारत की बहुसंख्यक आबादी को सिस्टम को और सरकार को...अल्पसंख्यक होने का विक्टिम कार्ड खेलने वालों की बढ़ती ताकत का नायाब नमूना है ये गद्दारी वाला वीडियो. ये विद्रोही मानसिकता नहीं तो क्या है क्योंकि इस मजहबी उत्पात का संक्रमण सिर्फ अमेठी तक ही नहीं...बिहार के दरभंगा और समस्तीपुर तक जा पंहुचा था.

समस्तीपुर में मुहर्रम के ताजिया जुलूस की भीड़ ने हिन्दू परिवार पर हमला कर दिया था. हिन्दुओ की गाड़ी पर तलवार से हमला कर उसे तोड़ा गया, तो दूसरी तरफ जिहादी झुंड ने दरभंगा में फिलिस्तीन के समर्थन में जमकर नारेबाजी की थी. हालात कितने बिगड़ने लगे हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कश्मीर के श्रीनगर में मुहर्रम के जुलूस में जिहाद का एक और विकृत रूप नजर आया. फिलिस्तीन की आजादी के नारे लगाए जा रहे हैं.

ये वीडियो देखकर गुस्सा आना लाजिमी है. जिस कश्मीर को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए भारत सरकार जीतोड़ मेहनत कर रही है. कश्मीर का कायाकल्प किया जा रहा है. वहां पर फिलिस्तीन की आजादी के नारे लगाने वाले गद्दार नहीं तो क्या है. हिन्दुस्थान का नमक खाकर फिलिस्तीन के नारे लगाने वालों क्या कहा जाए ? इधर उत्तराखंड के मंगलोर विधानसभा के मोहम्मद काजी जो कांग्रेस के नव निर्वाचित विधायक है.

जानकारी के लिए बता दें कि देर रात उनके गुंडों ने हिन्दुओ के घर को निशाना बनाया. जमकर तोड़फोड़ की गई. जाहिर है मजहबी जिहाद का झंडा बुलंद करने वालों को जब सत्ता की शह मिल जाए. तो परिणाम कितने गंभीर हो सकते है. इसका जीता जागता प्रमाण है ये घटना. गजवा ए हिन्द की सोच रखने वाली जिहादी दीमकों से सतर्क रहने की जरूरत है.क्योंकि देश के अलग अलग हिस्सों से इनके खतरनाक रूझान आने शुरु हो चुके हैं.

 


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