जम्मू और कश्मीर की चुनावी फिजा में तमाम तरह की अटकलों,कयासों और आरोप –प्रत्यारोपों से गर्माई हुई है. एक तरफ नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन में तालमेल नहीं बैठता दिख रहा था, तो दूसरी तरफ पीडीपी की महबूबा मुफ्ती ने गठबंधन में सशर्त शामिल होने की बात कहकर कहानी में नया ट्विस्ट ला दिया है.
बीजेपी पहले से ही कांग्रेस एनसी के गठबंधन की मंशा पर सवाल दाग रही थी. ऐसे में महबूबा के दृष्टिकोण से गठबंधन की नए विकल्पों की सुगबुगाहट शुरु हो गई है. क्योंकि सीट शेयरिंग को लेकर उठा क्लेश टूट का क्लेश बन चुका है. इधर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान किया था.
इसके बाद उन्होंने कई घोषनाएं कीं...इन घोषणाओं को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा है. जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहा है.18 सितंबर को पहले चरण की वोटिंग होगी. जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस से गठबंधन पर बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला है. साथ ही कई सवाल भी उठाए हैं. बीजेपी ने कहा है कि सत्ता पाने के लिए एक अपवित्र गठबंधन बना है.
दरअसल, गुरुवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान किया था. इसके बाद उन्होंने कहा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस कांग्रेस के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी इस गठबंधन के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला था. बीजेपी ने कांग्रेस से पूछा कि क्या वह अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली पार्टी के भारत को तोड़ने के एजेंडे का समर्थन करती है? नेशनल कॉन्फ्रेंस एक अलग झंडे की बात करती है. क्या कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर के लिए अलग झंडे के नेशनल कॉन्फ्रेंस के वादे का समर्थन करती है.
बीजेपी ने कांग्रेस पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया. बीजेपी नेता ने कहा कि हमारा यह संकल्प है कि एक राष्ट्र के रूप में हमारा एक संविधान और एक झंडा होगा. अनुच्छेद 370 को हटाना कई वर्षों से हमारा संकल्प था. हमने अनुच्छेद 370 को हटाया और अपना वादा पूरा किया. कांग्रेस चाहती है कि शंकराचार्य पर्वत को तख्त-ए-सुलेमान और हरि पर्वत को कोहि-मरान के नाम से जाना जाए? जम्मू-कश्मीर में अगले महीने चुनाव है.
तीन चरणों में वोटिंग होगी. पहले फेज का मतदान 18 सितंबर को होगा. वहीं दूसरे और तीसरे चरण की वोटिंग 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगी. चार दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे. 10 साल पहले यहां 2014 में विधानसभा चुनाव हुआ था...ऐसे में सत्ता पाने वाली सेटिंग गेटिंग और आरोप प्रत्यारोप वाली राजनीति जम्मू कश्मीर के चुनावों में किस करवट बैठती है...देखना दिलचस्प होगा.