महाराष्ट्र में 29 नवंबर को मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की संभावना जताई जा रही है। इसमें बीजेपी के कोटे से 25 विधायक शपथ लेंगे, जबकि शिवसेना के गुट से 5-7 विधायक और अजित पवार गुट से भी 5-7 विधायक शामिल होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की भूमिका अहम होगी, जो महाराष्ट्र में सीएम के चेहरे पर अंतिम निर्णय लेंगे
महायुति की जीत और मुख्यमंत्री पद की जंग
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को शानदार सफलता प्राप्त हुई है, और अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मुख्यमंत्री पद पर कौन बैठेगा। बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के अजित पवार गुट ने अपने-अपने नेताओं को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया है। बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट ने पहले ही अपना दावा पेश किया, जबकि रविवार को एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने अजित पवार को सीएम बनाने की बात की।
शिवसेना शिंदे गुट का मुख्यमंत्री पद के लिए दावा
शिवसेना शिंदे गुट के नेता भरत गोगावले ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की। उनका कहना है कि सभी दलों के नेताओं को लगता है कि उनके दल से ही मुख्यमंत्री होना चाहिए, लेकिन उनका मानना है कि एकनाथ शिंदे को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।
महाराष्ट्र में 'बिहार पैटर्न' का फॉर्मूला
शिवसेना शिंदे गुट के सांसद नरेश म्हस्के ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के लिए 'बिहार पैटर्न' अपनाने की बात की। उनका कहना है कि नीतीश कुमार की तरह एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। यह विचार महायुति के नेताओं में चर्चा का विषय बना हुआ है।
महायुति की बंपर जीत और सीटों का बंटवारा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने शानदार प्रदर्शन किया। बीजेपी ने 132 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत हासिल की, जबकि शिवसेना शिंदे गुट ने 57 सीटों पर जीत दर्ज की और एनसीपी ने 41 सीटों पर विजय प्राप्त की। महायुति के कुल 236 सीटों पर जीत दर्ज की, जिससे मुख्यमंत्री पद को लेकर तकरार तेज हो गई है।
संजय राउत का बयान और PM मोदी की भूमिका
शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने मुख्यमंत्री पद पर जोर देते हुए कहा कि बहुमत इतना बड़ा है कि कोई भी नेता मुख्यमंत्री बन सकता है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मिलकर मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगे, जैसा कि उन्होंने मध्यप्रदेश और राजस्थान में किया।
महायुति का नजरिया
महायुति के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री का निर्णय तीनों दल मिलकर करेंगे। इस मुद्दे पर तीनों पार्टियों के नेताओं के बीच चर्चा जारी है, लेकिन अंततः यह निर्णय केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा।
विपक्षी गठबंधन का प्रदर्शन
वहीं, महाविकास आघाड़ी (MVA) के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी ने मिलकर 46 सीटें जीतीं। इस गठबंधन को 288 सदस्यीय विधानसभा में 236 सीटों के मुकाबले काफी कम सीटें मिली हैं, जिससे उनकी उम्मीदें कम हो गई हैं। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही माथापच्ची अभी खत्म नहीं हुई है, और आगामी समय में यह स्पष्ट होगा कि किसे राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया जाएगा।