पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत ने अब पाकिस्तान के खिलाफ आर-पार की जंग छेड़ दी है। आतंक के पनाहगाह बने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ने बड़ा फैसला लेते हुए सिंधु जल समझौते से खुद को अलग कर लिया है और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। अब भारत में रह रहे पाकिस्तानियों के पास देश छोड़ने के लिए आखिरी मौका है!
भारत सरकार ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक के बाद ऐलान कर दिया था कि सभी पाकिस्तानी नागरिकों का अल्पकालिक वीजा 27 अप्रैल से अमान्य माना जाएगा। इस आदेश के बाद देशभर में राज्यों को निर्देश जारी किए गए कि वे अपने-अपने इलाकों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को तलाशकर फौरन वापस भेजें।
उत्तर प्रदेश सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए अपने राज्य से लगभग सभी पाकिस्तानियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि राज्य में अब सिर्फ एक पाकिस्तानी नागरिक बचा है, जो 30 अप्रैल तक वापस चला जाएगा। बिहार सरकार ने भी मोर्चा संभाल लिया है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि वीजा पर बिहार पहुंचे सभी 19 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जा चुका है।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी
महाराष्ट्र में पाकिस्तानी घुसपैठ सबसे ज्यादा देखी गई थी। मंत्री योगेश कदम ने बताया कि राज्य में करीब 1000 पाकिस्तानी नागरिक अल्पकालिक वीजा पर और 4000 से ज्यादा दीर्घकालिक वीजा पर रह रहे हैं। अब इन सबको अल्टीमेटम दे दिया गया है- 27 अप्रैल तक देश छोड़ो या कानूनी कार्रवाई झेलो!
अटारी-वाघा बॉर्डर से भारतीयों की भी वापसी
सिर्फ पाकिस्तानी ही नहीं, पाकिस्तान में फंसे भारतीय भी तेजी से स्वदेश लौट रहे हैं। पिछले तीन दिनों में 450 से ज्यादा भारतीय नागरिक अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत वापस आ चुके हैं। पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) में काम कर रहे 23 भारतीय तकनीशियन भी सुरक्षित स्वदेश लौट आए हैं।
दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद ने जनता से अपील की है कि अगर उनके आस-पास कोई पाकिस्तानी नागरिक छिपा हो तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। सरकार ने साफ कर दिया है कि अब सिर्फ मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक भारत में रहने की इजाजत है।