भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बनाए रखना था। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और लंबित विवादों को हल करने पर चर्चा की।
डोभाल विशेष प्रतिनिधि स्तर की 23वीं वार्ता में शामिल होने के लिए बीजिंग पहुंचे। यह बैठक पांच साल के अंतराल के बाद हो रही है, क्योंकि पिछली ऐसी वार्ता 2019 में नई दिल्ली में हुई थी। बातचीत स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे शुरू हुई।
सीमा विवाद को सुलझाने पर सहमति
डोभाल और वांग यी ने पूर्वी लद्दाख में हाल ही में हुए समझौतों और सैनिकों की वापसी के कदमों पर चर्चा की। अक्टूबर 2023 में दोनों देशों ने सीमा विवाद को हल करने के लिए सहमति व्यक्त की थी। इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए इन दोनों अधिकारियों को विशेष प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया।
चीन का भारत के साथ सहयोग पर जोर
यह 2019 के बाद पहली बार है जब भारत का कोई उच्चस्तरीय अधिकारी चीन की यात्रा पर गया है। इससे पहले 2019 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बीजिंग का दौरा किया था।
वांग यी ने बातचीत के दौरान कहा कि चीन भारत के साथ सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली, संवाद को मजबूत करने और मतभेदों को सुलझाने की बात दोहराई। चीन ने यह भी आश्वासन दिया कि वह भारत के प्रमुख हितों का सम्मान करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए काम करेगा।
इस बैठक से भारत-चीन संबंधों में जमी बर्फ पिघलने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए यह वार्ता महत्वपूर्ण मानी जा रही है।