इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर बिजली के निजीकरण के विरोध में प्रान्त भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। बिना नोटिस के बड़े पैमाने पर संविदा कर्मियों को हटाए जाने से संविदा कर्मियों में उबाल आ गया है और वे लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण और संविदा कर्मियों को हटाए जाने के विरोध में कल भी विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।
संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का ऐलान होते ही पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं की बड़े पैमाने पर छटनी की योजना तैयार की है। संघर्ष समिति ने कहा कि इसी योजना के तहत अत्यन्त अल्प वेतन पाने वाले संविदा कर्मियों को हटाने का काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण किया जाना है। किन्तु संविदा कर्मियों को सभी निगमों में हटाया जा रहा है। इससे स्पष्ट हो गया है कि प्रबंधन की योजना संपूर्ण ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण करने की है।
संघर्ष समिति ने पॉवर कॉरपोरेशन प्रबन्धन को पत्र भेजकर मांग की है कि संविदा कर्मियों को हटाने के आदेश निरस्त किए जाएं। पत्र में कहा गया है कि इस तरह निकाले जाने से अत्यन्त अल्प वेतन पाने वाले संविदा कर्मियों के सामने भीख मांगने की नौबत आ गई है। अनेक संविदा कर्मी विभाग और उपभोक्ताओं की सेवा करने में विकलांग हो चुके हैं ।
संघर्ष समिति ने कहा है कि निजीकरण का मार्ग प्रशस्त करने हेतु छटनी करके डर का वातावरण बनाया जा रहा है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अंशाति का वातावरण बना दिया है जिसके गम्भीर परिणाम होंगे। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री से मांग की है कि वे प्रभावी निर्देश जारी करने की कृपा करें जिससे हटाए गए सभी संविदा कर्मी काम पर वापस लिए जाए और छटनी की प्रक्रिया तत्काल बन्द हो।
आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, जवाहरपुर, पनकी, हरदुआगंज, ओबरा, पिपरी, अनपरा में विरोध प्रदर्शन किए गए।